Udaipur: राजस्थान के उदयपुर में पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप है कि 6 नाबालिग बच्चों को पुलिस वाले जबरन उठाकर थाने ले गए और उन्हें नंगा कर उनके साथ मारपीट की गई. वहीं पुलिस वालों ने सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नाबालिग बच्चों को थाने में घंटों तक बैठाए रखा. आपको बता दें कि इतना ही नहीं आरोप ये भी है कि थाने में नाबालिगों को गुप्तांगों में मिर्ची डालने और सिगरेट से दागने की धमकी भी दी गई. 


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बताया जा रहा है कि पुलिस वालों ने एक आरोपी की शिनाख्त करवाने के लिए इन नाबालिगों को थाने लाया था. अब परिजनों के साथ आए बच्चे न्याय के लिए अपर जिला और सत्र न्यायाधीश और विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव के समक्ष पेश हुए. उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक को आठ दिनों में मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.


वहीं बच्चों के परिजनों की ओर से पेश रिपोर्ट के मुताबिक, इन 6 बच्चों की उम्र 9 से 13 साल है. कहा गया है कि थाने का स्टाफ इन बच्चों को दो जीपों में जबरन घर से उठाकर थाने ले गए. थाने में थानाधिकारी, एएसआई और अन्य पुलिसकर्मियों ने इन बच्चों को निर्वस्त्र कर तलवे, पीठ और हथेली पर पट्टों, डंडों से पीटा. मार खाते हुए बच्चे बिलखते रहे, लेकिन पुलिस का दिल नहीं पसीजा. 


साथ ही एएसआई सूरजमल ने एक बच्चे को सिगरेट से दागने की कोशिश की गई और गुप्तांगों में मिचीं भर देने की धमकी दी गई. पुलिसकर्मी बच्चों को किसी शख्स का फोटो दिखाकर जबरन तस्दीक करने का दबाव डाल रहे थे. परिजन जब बच्चों को छुड़ाने  गए तो पुलिस ने उन्हें भी भगा दिया.


इस दौरान पुलिस ने बच्चों को न तो पीने का पानी दिया और न ही खाना
पुलिस ने शुक्रवार रात को उन्हें छोड़ा था. परिजनों के साथ ये बच्चे शनिवार शाम को कोर्ट में पहुंचे, जहां वरिष्ठ अिधवक्ताओं ने उन्हें विधिक प्राधिकरण के सचिव कुलदीप शर्मा के समक्ष पेश किया. पीठासीन अधिकारी ने एसपी विकास शर्मा को पत्र लिखकर आठ दिन में मामले की जांच कर रिपोर्ट संबंधित न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है.


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