Covid में Dungarpur के लिए Lifeline साबित हुआ MGNREGA, लोग बोले- मिलता पूरा मेहनताना
मनरेगा (MGNREGA) यानी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi Employment Guarantee Scheme) डूंगरपुर जिले के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है.
Dungarpur: मनरेगा (MGNREGA) यानी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi Employment Guarantee Scheme) डूंगरपुर जिले के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. कोरोना (Covid 19) संकट काल में भी लोगों के जीवनयापन करने में नरेगा योजना (NREGA Scheme) का काफी बड़ा रोल रहा.
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मनरेगा योजना में श्रमिकों की आमदनी बढ़ाने के लिए शुरू किया गया "पूरा काम-पूरा दाम" अभियान का असर भी मनरेगा (MGNREGA) योजना पर दिखाई दे रहा है और इसका फायदा मनरेगा श्रमिकों को मिल रहा है. जिले में 10 महीने पहले 161 रुपये मिलने वाला वेज रेट अब 200 रुपये के आकंड़े को पार कर गई है, जिससे श्रमिकों को अपनी मेहनत का पूरा दाम मिल रहा है.
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आदिवासी बहुल डूंगरपुर (Tribal dominated Dungarpur) जिले में मनरेगा (MGNREGA) योजना बेरोजगार और मजदूर वर्ग के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. कोरोना काल में जब कई लोगों की नौकरियां चली गईं और काम-धंधे बंद हो गए, उस समय भी मनरेगा योजना (MGNREGA) ही सहारा बनी. इधर मनरेगा योजना में श्रमिकों की वेज रेट बढ़ाने के लिए सरकार ने पूरा काम पूरा दाम अभियान चलाया.
श्रमिकों को मिल रहा काफी फायदा
इस अभियान में डूंगरपुर (Dungarpur) जिले के श्रमिकों को काफी फायदा मिला. सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के लिए 221 रुपये वेज रेट तय कर रखा है, लेकिन मजदूरों को केवल 150 रुपये के आस-पास ही वेज रेट मिल रहा था. ऐसे में सरकार की ओर से मनरेगा श्रमिकों को पूरी वेज रेट मिले, इसके लिए "पूरा काम-पूरा दाम" (Pura Kam Pura Dam) अभियान की शुरुआत की. इसके बाद श्रमिकों से उनका टास्क पूरा करवाते हुए पूरा दाम भी मिलने लगा, और अब कई पंचायत समितियों में मनरेगा श्रमिकों को मिलने वाला वेज रेट 200 के आंकड़े को पार कर गया है.
वर्ष जुलाई 2020 व वर्ष जुलाई 2021 में पंचायत समिति वार तुलनात्मक वेज रेट
पंचायत समिति वेज रेट (जुलाई 2020) वेज रेट (जुलाई 2021)
आसपुर 175 186
बिछीवाड़ा 163 188
चिखली 169 200
दोवड़ा 182 201
डूंगरपुर 159 184
गलियाकोट 172 208
झोंथरी 198 203
साबला 158 175
सागवाड़ा 173 196
सीमलवाड़ा 181 200
योजना ने सरल बनाया जीवन-यापन
जिले में कोरोना काल (Corona Period) के समय सबसे बड़ा रोजगार मनरेगा (MGNREGA) के माध्यम से मिला. जब कोरोना के कारण हर वर्ग परेशान था, और रोजगार नहीं मिल रहा था, उस समय सरकार ने मनरेगा योजना की शुरुआत की तो विदेश से लौटे लोग और नौकरियां छूटने से बेरोजगार युवा भी मनरेगा से जुड़े और रोजगार पाया. वहीं, वेज रेट अच्छा मिलने से कई लोगों के जीवन में भी फर्क नजर आ रहा है. मनरेगा में रोजाना 200 रुपये का मानदेय मिलने से जीवन यापन सरल हुआ है.
Reporter- Akhilesh Sharma