Raju Parmar murder case, Udaipur: उदयपुर के अम्बामाता थाना इलाके में बीते दिन राजू परमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं. उस समय वहा शादी का बैंड बज रहा था. जिससे बदमाश आसानी से वारदात को अंजाम दे कर फरार हो गए. घटना की जानकारी कुछ देर बाद लोगों को चली और राजू को हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.


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राजू परमार की हत्या के बाद शहर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय के आपात कालिन ईकाइ में बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई. सूचना मिलने पर अंबामाता थाना पुलिस मौके पर पहुंची. हत्या के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने जिले भर मे नाकेबंदी करवाई. लेकिन हत्यारों का काई सुराग नहीं लगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी सिटी चन्दशील ठाकुर सहीत आलाधिकारी भी हॉस्पिटल पहुंचे. 


समजाइश कर आक्रोशित कार्यकर्ताओं को शांत किया. इस दौरान हत्या की वारदात के 6 घंटे बाद प्रितम सिंह उर्फ बंटी नाम के युवक ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए फेसबुक पोस्ट किया. उसने लिखा कि राजू उसके मामा की करोड़ों की जमीन हथियाना चाहता था, इसी के चलते उसने गोली मार दी. प्रितम उर्फ बंटी ने पोस्ट करने के कुछ देर बाद उसका ये पोस्ट भी डिलीट कर दिया.



जानकारी के अनुसार 38 साल का राजू उर्फ राजेन्द्र परमार बजरंग दल में जिला संयोजक रह चुका था. वह लम्बे समय से प्रॉपर्टी व्यवसायी था. जिसके चलते उसके कई लोगों विवाद चल रहे थे. प्राथमिक तौर पर पुलिस को हत्या के पिछे ठोक कारणों का पता नहीं चल पाया. 


इस दौरान पुलिस ने घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. तो राजू परमार की दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरे में दो संदिग्ध युवक नजर आए. जो हत्या की वारदात को अंजाम देने के पहले पैदल जाते हुए और​ फिर दौड़कर भागते हुए नजर आए. सीसीटीवी फुटेज मे एक युवक की पहचान कर ली गई.


पहले से था फायरिंग का अंदेशा
राजू की गोवंश बचाने के साथ ही हिंदू संगठन के प्रमुख पदाधिकारी के रूप में उसकी पहचान थी. राजू को अपने ऊपर फायरिंग होने का अंदेशा पहले से था. इसी वजह से वह कुछ दिनों से अकेला निकलने से बच रहा था. बावजूद इसके बदमाश उसकी हत्या करने में सफल रहे.


मंगलवार सुबह महाराणा भोपाल चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर बड़ी संख्या में विभिन्न हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जमा हो गए. सुरक्षा के बंदोबस्त को लेकर एएसपी चन्द्रशील ठाकुर और दो डीवाईएसपी सहित बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात किया गया. 


मोर्चरी के बाहर जमा हुए परिजन और हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने राजू परमार के हत्यारों की गिरफ्तार करने और पीड़ित परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग कर दी. वहीं, मांग पूरी नहीं होने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाने पर अड़ गए.


अपनी मांग को लेकर लोगों मोर्चरी के गेट पर धरने पर बैठ गए और जम कर नारेबाजी करने लगे. करीब 8 घंटे की समजाइश और कलक्टर के लिखित अनुशंसा पत्र के बाद परिजन माने और शव का पोस्टमार्टम हो पाया.


बताया जा रहा है कि हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों बदमाश सीधे उदयपुर-चित्तौड़गढ़ बॉर्डर पर कीर की चौकी पहुंचे. यहां उनकी कार के चेचिस से ऑयल टपकने लगा था. उन्होंने अपने साथी प्रहलाद सिंह और गोटू बंजारा को फोन किया.  फोन आने के बाद प्रहलाह और गोटू दोनों बदमाशों के पास पहुंचे. इसके बाद सभी ने कीर की चौकी स्थित एक होटल पर शराब पार्टी की और खाना खाया. 


बाद में प्रहलाद खुद की कार से आरोपियों को चित्तौड़गढ़ इलाके के एक बस स्टेशन पर छोड़कर आ गया और रात को ही घर जाकर सो गया. मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने प्रहलाद और गोटू को हिरासत में लेकर पूछ​ताछ की. जिसमें उन्हे हत्या की वारदात के बारे में जानकारी नहीं थी. प्रहलाद की निशान देही पर पुलिस ने कार को जब्त कर लिया.



पुलिस की प्राथमिक जांच में राजू की हत्या को लेकर रचि गई साजिश के तार जेल से भी जुड़े होने की बात सामने आई. हत्या के बाद पुलिस को जेल में मोबाइल मिला है. ऐसे में आशंका है कि परमार के विरोधी माने जाने वाले बदमाश दिलीपनाथ व इमरान कूंजड़ा के इशारे पर भी वारदात को अंजाम दिया जा सकता है. फिलहाल शक की सुई जेल में बंद दिलीपनाथ पर ज्यादा दिख रही है.


पूरे मामले पर एएसपी ठाकुर ने कहा है कि हत्या के आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है. उसकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही है. वहीं, फेसबुक पर हत्या की गई. जिम्मेदारी पर बालते हुए एएसपी ठाकुर ने कहा कि पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है.


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