Ram Lala Pran Pratishtha: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. सोमवार 22 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले  सामने आई है. 


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पूर्व सीएम अशोक गहलोत का कहना है, ''सत्ताधारी पार्टी ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया है.बीजेपी ने इसका राजनीतिकरण किया."


वहीं शंकराचार्यों द्वारा राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का न्योता ठुकराने पर अशोक गहलोत ने बयान दिया. पूर्व सीएम अशोक गहलोत  का कहना है कि सनातन धर्म का पूरे देश को रास्ता धर्मगुरू दिखाते हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी क्या नौबत आ गई कि खुद शंकराचार्य ही कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं?  शंकराचार्यों द्वारा कार्यक्रम का बहिष्कार किया जा रहा है. अगर शंकराचार्य ऐसा कहते हैं तो इसका अपना महत्व है. 


बीजेपी पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने निशाना साधा. उन्होंने कहा राम मंदिर सबका है. सभी पार्टियों को साथ लेकर अगर बीजेपी चलती तो ये नौबत नहीं आती. आरएसएस और बीजेपी का अब ये कार्यक्रम हो गया है. 


दूसरी ओर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,"मुझे राम मंदिर के संबंध में निमंत्रण मिला तो मैंने कहा:राम की कल्पना, राम-राज्य की कल्पना भारत के संविधान में निहित है. संविधान के निर्माताओं ने इसको पराकाष्ठा पर रखा है.   संविधान में जो बीस से ज्यादा चित्र हैं, उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो ऊपर चित्र है उसमें राम-लक्ष्मण-सीता हैं. मुझे बहुत पीड़ा होती है जब कोई अज्ञानी, इतिहास से अनभिज्ञ, हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक है. वह वर्तमान में किसी का अनादर नहीं कर रहे हैं, वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कर रहे हैं. जिन्होंने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से उन चित्रों को वहां रखा है.''उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़  ने कहा कि ऐसे लोग समाज के दुश्मन नहीं, बल्कि खुद के भी दुश्मन हैं. साथ ही  उनका आचरण अमर्यादित ही नहीं, घातक है. ''