Udaipur Sahi Holi 2023: मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार ने सोमवार को होलिका दहन महोत्सव परंपरानुसार सिटी पैलेस स्थित माणक चौक में मनाया. पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने विधि-विधान और रीति-रिवाजों के साथ होलिका दहन की प्राचीनकाल से चली आ रही परंपराओं का निर्वहन किया. सिटी पैलेस में इस बार होलिका दहन महोत्सव सादगी के साथ मनाया गया. क्योंकि हाल ही में पूर्व राजपरिवार के धर्म गुरु तृतीय गृहाधीश कांकरोली के गोस्वामी व्रजेश कुमार महाराज का देवलोक गमन हो गया है. डॉ. लक्ष्यराज सिंह का कहना है कि उनकी सपरिवार धर्मगुरु गोस्वामी महाराज के प्रति अथाह श्रद्धा-आस्था है इसलिए होलिका दहन महोत्सव की इस बार सिर्फ परंपराएं अदा की गईं.



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 बता दें, प्रतिवर्ष माणक चौक में होने वाले इस शाही होलिका महोत्सव को देखने के लिए देश-दुनिया के पर्यटक आते हैं. महोत्सव में विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाती हैं. उदयपुर में, त्योहार सबसे शाही और भव्य तरीके से मनाया जाता है, जहां शाही परिवार सभी कार्यों और अनुष्ठानों में सक्रिय भाग लेता है. शहर की गलियों और महलों में रंगों, पानी, फूलों और गुलाल की होली और हुड़दंग देखते बनती है. जयपुर के सिटी पैलेस में पूर्व राजपरिवार की तरफ से बड़े स्तर पर हर साल होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है. होली के वक्‍त राजस्‍थान की धुलंडी खेलते देसी विदेशी सैलानियों की भीड़ जमती है और लोग शाही होली का आनंद उठाते हैं.


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उदयपुर में होलिका दहन के बाद एक बड़ी रैली निकाली जाती है, जिसमें शाही परिवार के सदस्य अलंकृत ऊंटों, हाथियों और घोड़ों पर बैठते हैं. रैली में म्यूजिक बैंड बाजों के साथ शाही जुलूस शंभू निवास पैलेस से शुरू होता है और मानेक चौक शाही निवास तक जाता है. अंत में, शाही महल में कॉकटेल और रात का खाना परोसा जाता है और उत्सव शानदार आतिशबाजी के साथ समाप्त होता है. दूसरे दिन शहर भर में स्थानीय लोगों और पहुंचे सैलानी पुराने उदयपुर के कई हिस्सों में, स्थानीय लोग सूखे और गीले रंगों, वाटर गन और गुब्बारों से खेलते हैं.