Chittorgarh: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh News) जिले के बड़ीसादड़ी उपखंड के सरथला गांव में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा अपना बाल विवाह रुकवाने के लिए पुलिस के पास गई. पुलिस और प्रशासन ने बच्ची की बहादुरी के लिए उसकी तारीफ की और इसके बाद प्रशासन ने छात्रा के परिजनों को बुलाया और उसका बाल विवाह (Child Marriage) नहीं करने के लिए पाबंद किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जिले के बड़ीसादड़ी क्षेत्र की सरथला गांव की एक बालिका कृष्णा मेनारिया पुत्री कन्हैया लाल मेनारिया सोमवार को स्कूल की छुट्टी होने के बाद बड़ीसादड़ी पुलिस के पास गई और अपने बाल विवाह होने की बात बताई और उसको रुकवाने के लिए कहा, थाना अधिकारी कैलाश चंद्र सोनी ने बालिका की मदद करते हुए उसे एसडीएम कार्यालय भेज दिया.


उपखंड अधिकारी से की शिकायत
9वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा कृष्णा मेनारिया ने उपखंड अधिकारी बिंदु बाला राजावत (Bindu Bala Rajawat) को बताया कि उसकी शादी होने वाली है और उसकी तैयारियां बीते 1 महीने से की जा रही है. हालांकि उसे पूरी तरह से घरवालों ने बात नहीं बताई लेकिन जब उसने खुद के विवाह की पत्रिका छपी हुई देखी तो उसके होश उड़ गए. 11 दिसंबर को बालिका का विवाह होना तय किया गया है. कृष्णा ने बताया कि वह अभी पढ़ाई करना चाहती है और जीवन में आगे बढ़ना चाहती है.


यह भी पढ़ें - Pratapgarh: यूरिया की किल्लत ने बढ़ाई किसानों की आफत, घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल रही खाद


बुआ करवाना चाहती थी बालिका का विवाह
15 वर्षीय बालिका कृष्णा ने बताया कि शादी की पत्रिका में जब उसने अपना नाम देखा तो वह सकते में आ गई, इसलिए वो खुद को नहीं रोक पाई और स्कूल से सीधे थाने पहुंची और उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचने के बाद कृष्णा ने यह भी बताया कि उसके दादा रामेश्वर लाल मेनारिया, बड़े पापा प्रभु लाल मेनारिया और बुआ पांदूडी देवी मिलकर जबरन उसका विवाह गांव सरथला के ही करण पुत्र लक्ष्मीलाल मेनारिया के साथ करना चाहते है.


बुआ अपने बेटे शम्भु लाल की शादी के बदले आंटे-सांटे में उसका रिश्ता करना चाहती है और इस बात से उसके माता-पिता भी सहमत है. लेकिन वो अभी शादी नहीं करना चाहती. ऐसे में छात्रा की बात सुनकर उपखंड अधिकारी बिंदु बाला राजावत में तुरंत प्रभाव से छात्रा के परिजनों को उपखंड अधिकारी कार्यालय में बुलवाकर बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया. साथ ही शपथ पत्र लिखवाया गया कि परिजन भविष्य में भी कृष्णा का बाल विवाह नहीं करेंगे.


महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी पहुंचे
मामले की जानकारी मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) से महिला पर्यवेक्षक दीपमाला शर्मा, प्रचेता उषा बैरागी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भगवती शर्मा भी मौके पर पहुंची और कृष्णा के परिजनों से मिल कर समझाईश कर बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया.