Udaipur: राजस्थान के उदयपुर में जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने मिशन के तहत जारी कार्यों की प्रगति पर समीक्षा की और अधिकारियों को इसमें गति प्रदान करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा कि पेयजल सर्वोच्च प्राथमिकता है और सिंचाई दूसरी उन्होंने पानी का सदुपयोग करने और आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और कहा कि व्यर्थ में बहने वाले जल को रोककर जलापूर्ति की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही कलेक्टर ने आंगनबाड़ी और स्कूल में नल द्वारा पेयजल सुविधा कार्य में गति देने और एफएचटीसी के कार्य में गति बढ़ाने के निर्देश दिए है.


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कलेक्टर ने आगामी गर्मियों में पेयजल की संभावित समस्या आने की स्थिति में वैकल्पिक स्रोत विकसित करने पर बल दिया. कलेक्टर ने जिले के मावली क्षेत्र के लिए पेयजल आपूर्ति के संबंध में जानकारी चाही तो सहायक अभियंता ने बताया कि यहां ट्यूबवेल के माध्यम से जलापूर्ति के लिए 6 नए सोर्स विकसित करने के लिए जगह चिह्नित कर रखी है लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं आई है. इस पर कलेक्टर ने शीघ्र चीफ इंजीनियर से बात करने के निर्देश दिए है. कलेक्टर ने पीएचईडी और अन्य विभागों के बकाया विद्युत बिलों की जानकारी ली और विभागों को भुगतान करने के भी निर्देश दिए है.कलेक्टर ने कहा कि सरफेस वाटर के नए सोर्स विकसित करे जब तक ये नहीं होगा पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सुचारू न होगी. साथ ही उन्होंने नए सोर्स तैयार करने की सर्वे के लिए आउटसोर्सिंग के साथ ही पूरे जिले में सर्वे करवाने की बात कही और सरफेस वाटर के लिए सुझाव मांगे.


बैठक में झाड़ोल के फलासिया में पेयजलापूर्ति के लिए एनीकट निर्माण की जरूरत बताई जिस पर कलेक्टर ने संबंधित विभागों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने सभी विभागों को मिलकर जलापूर्ति के लिए प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए. बैठक में संबंधित अधिकारियों को स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी की सूची, जहां सतही स्त्रोत का निर्माण और क्षमतावृद्धि पेयजल की दृष्टि से की जानी है उसकी सूची और ऐसे गांव जिनमें जनभागीदारी में कठिनाई हो रही है कि सूची जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है.


घर-घर जल संबंध के स्वीकृत और प्रस्तावों की स्थिति
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिले के कुल 2492 गांवों में से 713 गांवों को जल जीवन मिशन के अन्तर्गत लाभान्वित करने के कुल लागत 885.84 करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भिजवाये गये जिनमें से 299 प्रस्ताव 699 गांवों के लिये स्वीकृत किये गये जिसकी लागत 779.01 करोड़ रुपये है. शेष 1779 गांवों के लिये योजना बनाई जा रही है. सोम कमला आम्बा बांध से सलूंबर और लसाड़िया क्षेत्र के 307 गावों की योजना प्रोजेक्ट डिविजन द्वारा बनाई जा रही है. 1041 गांवों की योजना के लिये सर्वे हेतु निविदा आमंत्रित कर दी गई है. जिले में पांच योजनाएं सतही जल पर पम्प एण्ड टैंक योजना के अंतर्गत आधारित है इन्हें जल जीवन मिशन के अन्तर्गत योजना बनाने के लिए डीपीआर कार्य बेबकॉन्स को दिये गये है. साथ ही अधिकारियों ने बताया कि जिले के भीण्डर और मावली आदि पंचायत समिति के कुल 380 गांवों में भू-जल की कमी और भू-जल पीने योग्य नहीं होने से जल जीवन मिशन के अन्तर्गत लाभान्वित करने के लिए मेजर प्रोजेक्ट खंड को लिखा गया है.


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वाटर सेनिटेशन कमेटी का हुआ गठन
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सभी 2492 गांवों के लिए विलेज वाटर सेनिटेशन कमेटी का गठन हो गया है. आईएसए के गठन के बाद कुल 1379 विलेज एक्शन प्लान बनाये गये है 1114 का अनुमोदन हो गया है. वर्तमान में जिले के 1104 ग्रामों के विलेज वाटर सेनिटेशन कमेटी के खाते खुल चुके है और 12.80 लाख का जन सहभागिता के तहत संग्रहण किया गया है.


इस तरह उपलब्ध कराया जा रहा पेयजल
बताया गया कि राजीव गांधी जल संचय मिशन के अन्तर्गत जिले में 131 रेन वाटर हारवेस्टिंग और रिचार्ज स्ट्रक्चर के निर्माण हेतु 234.58 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई है. वहीं मिशन के तहत 5049 स्कूलों में से 2260 स्कूल, 3035 आंगनबाड़ी में से 625 आंगनबाड़ी, 652 ग्राम पंचायतों में से 491 ग्राम पंचायत और 708 हेल्थ सेंटर में से 355 हेल्थ सेंटरों में नल द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.


Report: Avinash Jagnawat