Udaipur: दो दिवसीय वार्षिक मेले का हुआ आयोजन, 1 टन से भी ज्यादा चूरमे का लगा भोग
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Udaipur: दो दिवसीय वार्षिक मेले का हुआ आयोजन, 1 टन से भी ज्यादा चूरमे का लगा भोग

उदयपुर जिले के केवड़ा ग्राम पंचायत के नाकोली गांव में माघ षष्ठी के मौके पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दो दिवसीय वार्षिक मेले का आयोजन किया गया. मेले में सैंकड़ो की संख्या में जनसमुदाय पहुंचा.

वार्षिक मेले का हुआ आयोजन

Udaipur: राजस्थान के उदयपुर जिले के केवड़ा ग्राम पंचायत के नाकोली गांव में माघ षष्ठी के मौके पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दो दिवसीय वार्षिक मेले का आयोजन किया गया. मेले में सैंकड़ो की संख्या में जनसमुदाय पहुंचा. गिर्वा पंचायत समिति क्षेत्र के अधीन बसे हुए सराड़ा उपखंड के इस छोटे से गांव नाकोली में नाकोलिया भैरव के नाम से प्रसिद्ध है. यहां हर वर्ष माघ षष्ठी का वार्षिक मेला लगता है. मेले में राजस्थान, मध्य-प्रदेश के साथ-साथ गुजरात के भी दर्शनार्थियों दर्शन करने भैरव मंदिर पहुंचते है. यहां पर विशेष बात यह है कि भेरू जी को हर वर्ष करीब 1 टन से भी ज्यादा चूरमे का भोग चढ़ता है और इस वर्ष भी एक टन से भी ज्यादा चूरमे का भोग लगाया गया है.

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1 टन से भी ज्यादा चूरमे का लगा भोग
यहां माघ षष्ठी को गोल विटी भैरूजी और खाखल देव पहनते है ऐसे में पहनने वाले प्रति व्यक्ति की लागत के हिसाब से सामान लाना होता है. इस बार 92 लोग यहां पहुंचे जिसमें गोलवीटी पहनने वाले 67, भेरू पहनने वाले 19 और खाकल देव पहनने वाले 6 लोग है. 92 लोगों द्वारा 1075 किलो आटा लाया गया जबकि चूरमे को बनाने के लिए 1075 किलो आटा में 399 किलो घी और 399 किलो गुड़ मिलाया गया और इसके बाद चूरमा तैयार कर भैरवजी को भोग कराया गया.

भैरूजी की पसंद की 9 धान
मंदिर के पुजारियों का कहना है कि भैरूजी को नो तरह के धान अत्यधिक प्रिय है जिसमे मूंग, चंवला, माल, गेंहू, धान, चावल, बाजरा, माल का भक्त यहां पर नो धान चढ़ा कर अपनी मनोकामना को पूरा करने का आशीर्वाद मांगा.

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लागत के रूप में लाते है बीड़ी बंडल
यहां आयोजित कार्यक्रम में भैरूजी की लागत के हिसाब से प्रत्येक गोल, भेरू और खाकल देव पहनने वाले व्यक्ति को 5 बंडल बीड़ी लानी पड़ती है जिसमे कुल 92 लोगों द्वारा 460 बीड़ी के बंडल लागत के रूप में लाया गया.

Report: Avinash Jagnawat

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