उदयपुर में वैतरणी पार करने से पहले, पार करना पड़ता है नाला, शव को ऐसे पहुंचाते हैं शमशान
Udaipur: उदयपुर में वैतरणी पार करने से पहले नाला पार करना पड़ता है. पूर्व जिला परिषद सदस्य के शव को शमशान पहुंचाने के लिए गंदे पानी से गुजरना पड़ता है.
Udaipur: उदयपुर से सटे उमरड़ा डेडकिया गांव के लोगों को आज 21 वीं सदी में भी मूलभूत चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. आजादी के 75 साल बाद भी इस गांव के लोगों को श्मशान जाने के लिए अपनी जान तक को जोखिम में डालना पड़ती है.
दरअसल उदयपुर जिले के पास ग्राम पंचायत उमरडा के राजस्व गांव डेडकिया में पूर्व जिला परिषद सदस्य की मौत हो गई, जहां अंतिम यात्रा को लेकर ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. तस्वीर में साफ दिखाई देखा जा सकता है कि कैसे ग्रामीण गंदे पानी से गुजर कर शमशान तक शव को ले जा रहे हैं.
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मामला शुक्रवार का है जहां पर पूर्व जिला परिषद सदस्य नोजीराम के शव को ले जाने के लिए ग्रामीणों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा. दुर्गम रास्ते और पगडंडियों में कांटो से उलझते हुए ग्रामीण शव को शमशान तक ले गए. लेकिन वहां पहुंचने के लिए रास्ते में पड़ने वाले नाले को पार करने के लिए ग्रामीणों को दो-दो हाथ करना पड़ा.जहां पर कमर तक पानी में शव को निकाला गया.
बड़ी मुश्किल से शव को ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया. ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों व ग्राम पंचायत को सेकड़ो बार गुहार की लेकिन किसी ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया. ग्रामिणों को हर रोज इस तरह झूझते हुए नाले को पर करना पड़त है.
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