Udaipur news: उदयपुर में सोमवार को बहु स्तरीय सौर घटनाएं और उसकी वर्तमान क्षमताएं और भावी चुनौतियां के विषय पर कार्यशाला का आगाज हुआ. जिसमें देशभर से आए 75 सौर वैज्ञानिक जूटे है. कार्यशाला उदयपुर सोलर ऑब्जर्वेटरी और यूएसओ के जरिए आयोजित की जा रही है. वर्कशॉप में सूर्य की वर्तमान स्थिति और बदलाव पर वैज्ञानिक के जरिए गहन चर्चा की जा रही है. इसके साथ ही देश का सबसे महत्वपूर्ण मिशन आदित्य एल वन सौर मिशन सहित भारत के भविष्य के अन्य सौर मिशन पर एक विजन दस्तावेज भी तैयार होगा.


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 सूर्य का किया  जाएगा अध्ययन 
 वर्कशॉप के दौरान देश के ख्यातनाम वैज्ञानिक आदित्य एल वन मिशन के माध्यम से किस तरह डेढ़ मिलियन किलोमीटर दूर स्थित सूर्य का अध्ययन किया जाएगा और उससे कैसे डाटा कलेक्ट किया जाएग.. इस पर भी जानकारियां सांझा की जाएगी. कार्यशाला के मुख्य, अंतरिक्ष आयोग के सदस्य और इसरो के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री एएस किरण कुमार रहे. उन्होंने कहा कि देश सौर मिशन के साथ-साथ अन्य कई मिशन पर तेजी से कार्य कर रहा है.


 चंद्रयान-3 की भी दी जानकारी 
इस मौके अहमदाबाद की भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के निदेशक प्रोफेसर अनिल भारद्वाज ने बताया कि कार्यशाला में युवा और शोधकर्ताओं को सौर भौतिकी के वरिष्ठ शोधकर्ताओं के साथ चर्चा करने का एक मंच भी मिल रहा है, जो भविष्य के अनुसंधान लक्ष्यों के अनुरूप उनकी रुचि को उन्मुख करने में मददगार होगा. यही नहीं उन्होंने देश के आगामी चंद्रयान-3 ( Chandrayaan-3) सहित अन्य स्पेस योजनाओं के बारे में भी जानकारी दें


चंद्रयान-3 ( Chandrayaan-3) भारत का तीसरा चंद्र अभियान है. इसरो इसे जून में प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है. चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) के जरिये चंद्रमा की ओर रवाना किया जाएगा.


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