Holi Unique Tradition : रंगों के त्यौहार होली में जितने रंग होते हैं उतने ही अलग-अलग रंग इस देश में होली को मानाने के हैं. तभी तो हर राज्य, हर क्षेत्र और संभाग में होली को अलग अलग तरह से मनाने की परंपरा है. कई इलाकों में इसे मनाए जाने की परंपरा भी बेहद विचत्र और दिलचस्प  है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. जहां होली के जश्न के बीच लड़की को भगा ले जाने की परंपरा है. इतना ही नहीं बल्कि दोनों के घरवालों को भी इससे ऐतराज नहीं होता है. यह परंपरा देश के मध्य भाग में रहने वाली भील जनजाति निभाती है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल देश के मध्य भाग में रहने वाली भील जनजाति में होली के मौके पर सालों से अनोखी परंपरा निभाई जाती है. इस रोचक परंपरा के तहत होली के मौके पर गांव में एक मेला लगता है. इसे हाट बाजार कहते हैं, इस मेले में भील आदिवासी होली शॉपिंग आते हैं. इसके साथ ही भील जनजाति के लड़के लड़कियां अपने लिए नया रिश्ता खोजते हैं. 


इस अनोखी परंपरा में गांव के सभी लोग इकट्ठा होते हैं. इस दौरान भील भील समाज के लड़के अपने हाथों से मांदल नामक एक 'वाद्य यंत्र' बजाते हैं. साथ ही लड़कियों को लुभाने के लिए ट्रेडिशनल नृत्य भी करते हैं. नृत्य करते-करते भील युवक वहां बैठी लड़कियों के गाल पर गुलाल लगाते हैं. अगर इसके जवाब में भील समाज की लड़कियां भी गुलाल लगा देती है तो माना जाता है कि दोनों एक दूसरे को पसंद हैं. 


इतना ही नहीं बल्कि इस परंपरा के अनुसार एक दूसरे को गुलाल लगाने के बाद लड़का लड़की को सबके सामने भगा भी ले जाता है. इसका कोई विरोध भी नहीं करता, ना ही दोनों के घरवाले इसका विरोध करते हैं, वहीं अगर लड़के के गुलाल लगाने पर लागर लड़की गुलाल नहीं लगाती है तो लड़का किसी दूसरी लड़की की तलाश में निकल जाता है और किसी और लड़की को गुलाल लगाता है.