राजस्थान के सरकारी स्कूलों को GIS मैपिंग करनी क्यों है जरूरी

Anuj Singh
Apr 07, 2024

वास्तविक लोकेशन

जीआईएस मैपिंग एक ऐसी तकनीक है.जिससे स्कूल की वास्तविक लोकेशन का पता चल सके.

विश्लेषण

इस तकनीक से डेटा को पकड़ने, संग्रहीत करने, हेरफेर करने, विश्लेषण करने में मदद मिल सकती है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तरफ से GIS मैपिंग के जरिए हर बच्चे की स्कूल तक पहुंच और पहले से स्थापित स्कूलों तक सभी सुविधाएं पहुंच पाएंगी.

कहां स्कूल हैं और कहां नहीं

इस तकनीक के जरिए ये पता चल सकेगा कि कहां स्कूल हैं और कहां नहीं है.नए स्कूलों को स्थापित करने में भी इससे मदद मिलेगी.

ऑनलाइन लोकेशन

राजस्थान में भी सरकारी स्कूलों की ऑनलाइन लोकेशन पता लगाने के लिए जीआईएस मेपिंग की जा रही है.जिसे अनिवार्य किया गया है.

8 फीसदी स्कूल

लेकिन आदेश के बाद भी महज 8 फीसदी स्कूलों ने ही जीआईएस मेपिंग करवाई है.इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने नाराजगी जताई है.

जीआईएस मैपिंग करना जरूरी

इस महीने के आखिर तक सभी स्कूलों को जीआईएस मैपिंग करना जरूरी होगा.फिलहाल बारां और भरतपुर जीआईएस मैपिंग के मामले में सबसे पीछे हैं.

मैपिंग

इसके अलावा करौली में 5.92, पाली में 3.74, सीकर में 9.87, सिरोही में 5.76, टोंक में 4.25 और उदयपुर में 2.28 फीसदी स्कूलों में ही ये मैपिंग अभी तक हो पाई है.

जैसलमेर

जैसलमेर में सरकारी स्कूलों में जीआईएस मैपिंग का काम सबसे ज्यादा हुआ है.जो एक अच्छा उदाहरण है.

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