ब्रह्म पदार्थ.

जिस पुजारी की मूर्ति बदलने की जिम्मेदारी होती है, उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है ताकि वे मूर्ति के ऊपर के ब्रह्म पदार्थ को न देख सकें. ये ब्रह्म पदार्थ क्या है, आज तक किसी को नहीं पता.

Anuj Kumar
Jun 20, 2023

भगवान जगन्नाथ,भाई भगवान बलभद्र और बहन सुभद्रा.

भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा भी मंदिर से बाहर निकलकर अपने भक्तों को दर्शन दिये.

मूर्ति में भगवान श्री कृष्ण में हृदय.

माना जाता है कि आज भी भगवान जगन्नाथ की मूर्ति में भगवान श्री कृष्ण में हृदय धड़कता है.

लाखों श्रद्धालुओं ने खींचा रथ.

जगन्नाथ पुरी में निकाली गई रथ यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ के रथ को लाखों श्रद्धालुओं ने खींचा.

सुरक्षा का कड़ा पहरा.

जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियां भी बदलने के क्रम में पूरे शहर की बिजली काट दी जाती है. अंधेरा कर दिया जाता है. मंदिर के बाहर सुरक्षा का कड़ा पहरा होता है, ताकि मंदिर के अंदर किसी का प्रवेश न हो सके.

देश-विदेश से लाखों भक्त शामिल

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लोखों भक्त रथ यात्रा में शामिल होने पुरी पहुंचे हैं.

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल

लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान लोगों ने जय जगन्नाथ और हरिबोल के जयकारे लगाए.

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

पुरी में रथों पर सवार देवताओं की एक झलक पाने के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े. रथ यात्रा के सुचारू संचालन ओडिशा पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है.

भगवान जगन्नाथ के दर्शन

पुरी में रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. भक्त रथों को खींचने के लिए लालायित दिखे.

भगवान के दर्शन के लिए पुरी में भक्तों की भीड़ उमड़ी. पुरी में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के विशाल रथों का दर्शन कर जयकारे लगाए.

पापों से मिलती है मुक्ति

भगवान जगन्नाथ व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्त कर देते हैं और उसे पुनर्जन्म के चक्र से छुटकारा दिलाते हैं.

देवताओं की एक झलक

यह एकमात्र ऐसा समय होता है जब मंदिर परिसर से तीनों मूर्तियों को बाहर लाया जाता है, जिससे भक्तों को अपने प्रिय देवताओं की एक झलक पाने का मौका मिलता है.

रथ का पहिया

भगवान जगन्नाथ का रथ बनाने की प्रक्रिया भी रोचक है. पवित्र रथ की लकड़ी के लिए पेड़ चुनने का काम वसंत पंचमी से शुरू होता है. नारियल और नीम के पेड़ों से बनाया जाता है भगवान का रथ.

भगवान के रथ को खींचना शुभ

रथ को खींचना या रस्सी को छूना शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का पवित्र रथ स्वयं देवता का अवतार है और उनकी आत्मा रथों पर रखे देवताओं के अंदर बसती है.

जय जगन्नाथ की भक्ति

जगन्नाथ रथ यात्रा जगह जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया. श्रद्धालुओं ने कृष्ण की भक्ति में लीन होकर जय जगन्नाथ का जप किया.

राधा और कृष्ण का प्रेम

प्रेम की मिसाल दी जाती है तो श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम सबसे ऊपर होता है. श्रीकृष्ण का नाम सिर्फ राधा के साथ ही लिया जाता है.

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