हमारे शरीर में 7 चक्र हैं, जो मूलाधार से लेकर सहस्त्रार तक होते हैं.
मेडिटेशन से इन चक्रों को जागृत किया जा सकता है. लेकिन इसकी सही ज्ञान होना जरूरी है.
इन चक्रों को जागृत करने से परमात्मा के साथ एकाकार होने के रास्ते खुलते हैं.
आप भौतिक सुख के साथ ही आध्यात्मिक सुख का भी अनुभव करते हैं.
हर दिन 10 मिनट के लिए अपने पैरों को गुनगुने पानी में नमक डालकर रखें और अपने सामने एक दीपक जलाकर उसकी लौं पर ध्यान केंद्रित करें.
ऐसा करने से आपका मूलाधार चक्र शुद्ध होता है. मूलाधार चक्र जहां सहज योग के अनुसार श्रीगणेश का स्थान हैं.
अगर मूलाधार चक्र शुद्ध हो जाते तो बाकी की 6 चक्र आसानी सी क्लीयर किये जा सकते हैं. ये आपकी शुद्ध भावनाओं का चक्र है
जल जिसमें आप पैर रखते हैं वो नाभि को शुद्ध करता है. इस प्रक्रिया के दौरान एक दीपक जरूर जलाकर अपने सामने रखें ये आपके स्वाधिष्ठान चक्र की बाधा दूर करेगा
वायु आपके हार्ट को शुद्ध करती है और आकाश आपकी विशुद्धि को शुद्ध कर देता है. फुट सोकिंग के दौरान हथेली को सामने की तरफ सीधा रखें.
ये प्रक्रिया सहज योगी करते हैं जिसे फुट सोकिंग कहा जाता है.
मेडिकली देखा जाए तो फुट सोकिंग से आपको तनाव से मुक्ति मिलती है.
हड्डिया मजबूत होती हैं, पैर में दर्द में आराम मिलता है और आपकी नींद की समस्या छू मंतर हो जाती है.