मानेसर की यादें

सचिन पायलट अगर बीजेपी में होते तो ! ये कहना, हवा हवाई बातें नहीं है, क्योंकि मानेसर वाला मामला अभी भी सबके जहन में हैं.

Pragati Awasthi
Mar 15, 2024

कयासों का बाजार गर्म

सचिन पायलट गुट की गहलोत गुट के साथ गहमागहमी जारी थी और पायलट की बीजेपी से उड़ान की खबरों के कयास लगाये जा रहे थे.

बड़ा गुर्जर चेहरा

बीजेपी हमेशा से गुर्जर चेहरे की तलाश में है, जो ना सिर्फ राजस्थान बल्कि यूपी, एमपी, पंजाब और जम्मू कश्मीर के बड़े वोट बैंक पर असर डालता.

बीजेपी -पायलट दोनों का फायदा

सचिन पायलट का बीजेपी के साथ बढ़िया कॉबिनेशन बनता और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह सचिन पायलट भी केंद्र में किसी बड़े पद पर होते.

बीजेपी से ना हो पाया

लेकिन देश-काल और परिस्थितियां ऐसी नहीं थी, इसलिए ना तो सचिन बीजेपी में आए और ना ही बीजेपी पायलट को ला पाई.

मैं कांग्रेस का सिपाही

हालांकि सचिन पायलट हमेशा ये कहते रहें हैं, कि वो कांग्रेस के सिपाही हैं और रहेंगे.

बड़ी जिम्मेदारी

फिलहाल राजस्थान में विधायक और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रभारी के रूप में सचिन पायलट पर बड़ी जिम्मेदारी है.

आलाकमान का फैसला

लोकसभा चुनाव में लड़ना है या नहीं लड़ना है, ये सचिन पायलट ने पार्टी आलाकमान पर छोड़ा हुआ है.

मोदी लहर

ये दीगर बात है कि, मोदी लहर में जब बीजेपी 400 पार का नारा दे रही है, तो कई बड़े कांग्रेसी चेहरे लोकसभा चुनाव के मैदान से दूर ही रहना चाहते हैं.

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