क्या इस बार कांग्रेस देगी टिकट

अभी तक बीजेपी ने जैसे उम्मीदवारों की घोषणा की, लगभग वैसी ही गणित कांग्रेस बैठाती दिख रही है. चाहे वो उदयपुर हो बीकानेर हो या फिर अलवर, ऐसे में किसी मुस्लिम को बाकी बची 10 सीटों में से किसी पर उम्मीदवार बनाना मुश्किल ही लगता है.

Pragati Awasthi
Mar 16, 2024

बीजेपी का नहीं दिया टिकट

राजस्थान में कभी भी बीजेपी ने किसी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं दिया है और ऐसा ही इस बार के लोकसभा चुनाव में भी होता दिख रहा है. अभी तक बीजेपी ने 15 उम्मीदारों के नाम घोषित कर दिये हैं.

मोहम्मद अयूब

ये पहले और अब तक के आखिरी मुस्लिम नेता हैं, जो राजस्थान से लोकसभा चुनाव में जीते और संसद तक पहुंचे. अयूब दो बार झुंझुनूं से कांग्रेस विधायक रहे और फिर 1991 में लोकसभा सांसद बने.

कांग्रेस का क्या है स्टैंड

पिछले चार लोकसभा चुनावों की बात करें तो कांग्रेस ने भी सिर्फ दो बार ही बार मुस्लिम नेताओं को टिकिट दिया है. वो भी चूरू और टोंक सवाईमाधोपुर सीट से. चूरू में 2009 और 2029 में मकबूल मंडेलिया और रफीक मंडेलिया और टोंक -सवाईमाधोपुर से 2014 से मोहम्मद अजहरूद्दीन को प्रत्याशी बनाया गया था.

राजस्थान में मुस्लिम आबादी

प्रदेश में 9-10 फीसदी मुस्लिम आबादी है. 100 विधानसभा सीटों के साथ ही 10 लोकसभा सीटों पर मुस्लिम 4वें नंबर के वोट बैंक माने जाते हैं, जयपुर के 29 वार्डों में मुस्लिम पार्षद हैं,किशनपोल से अमीन कागजी तो आदर्शनगर से रफीक खान विधायक है.

इन जिलों में आबादी ज्यादा

जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर,नागौर, सीकर, भीलवाड़ा, अजमेर, भरतपुर, दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर, चूरू में मुस्लिम वोर्टस की अच्छी तादात है.

कांग्रेस के यहां उम्मीदवार तय नहीं

राजस्थान में कांग्रेस को अभी नागौर, जयपुर ग्रामीण, कोटा, झालावाड़-बारां, भीलवाड़ा,बाड़मेर-जैसलमेर, पाली , बांसवाड़ा-डूंगरपुर, करौली-धौलपुर, दौसा, भरतपुर, श्रीगंगानगर प्रतयाशी घोषित करने है.

आरक्षित सीटें

करौली-धौलपुर, दौसा, भरतपुर और बांसवाड़ा-डूंगरपुर पहले से ही आरक्षित सीटें और बाकी बची सीटों पर जाट, ब्राह्मण, राजपूत और वैश्य वोटर्स ज्यादा है.

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