नई दिल्ली: तमिल अभिनेता रजनीकांत के राजनीति में कदम रखने को लेकर चल रही अटकलों के बीच रजनीकांत के बड़े भाई सत्यनारायण राव गायकवाड़ ने बुधवार को कहा कि तमिल स्टार जनवरी में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकते है. ये बात गायकवाड़ ने रजनीकांत के प्रशंसक क्लब के धरमपुरी जिला के सचिव के यहां कही.


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गायकवाड़ जिला सचिव के बेटे के शादी समारोह में शामिल होने आए थे. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि रजनीकांत जनवरी माह में चेन्नई में अपने प्रशंसकों के साथ फोटो शूट आयोजित करेंगे. उसी समय वह राजनीतिक पार्टी  की घोषणा करेंगे. गायकवाड़ ने बताया कि रजनीकांत 12 दिसंबर को अपने जन्मदिन पर राजनीतिक पार्टी की घोषणा नहीं करेंगे.


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तमिलनाडु के लोगों के जेहन में यह सवाल बार-बार कौंध रहा है कि क्या सुपरस्टार रजनीकांत राजनीति के क्षेत्र में आएंगे. दिवंगत जयललिता और बीमार चल रहे द्रमुक सुप्रीमो नब्बे साल के एम करणानिधि के मौजूदा तस्वीर से गायब होने के चलते अब रजनीकांत के प्रशंसकों को विश्वास है कि वही एक हैं जो इस राजनीतिक शून्य को प्रभावी ढंग से भर सकते हैं.


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सभी को अनुमान था कि वह अपने जन्मदिन पर ये घोषणा कर सकते है. गायकवाड़ ने बताया कि जब राजनीति की बात आती है तो रजनीकांत बेहतर नेता भी  हो सकते हैं . रजनीकांत लोगों के भलाई के लिए काम करेंगे. 


हाल में कहा था कि राजनीति में आने की उनकी कोई इच्छा नहीं है
रजनीकांत ने हाल में कहा था कि राजनीति में आने की उनकी कोई इच्छा नहीं है, लेकिन अगर वह राजनीति में आएंगे तो पैसे के पीछे भागने वाले लोगों को बाहर का रास्ता दिखा देंगे. उन्हें राजनीतिक बहसों में आमतौर पर घसीटा जाता रहा जबकि उन्होंने कई बार जोर देकर कहा कि वह ‘ना तो प्रभावशाली नेता हैं और ना ही सामाजिक कार्यकर्ता.’ इस हफ्ते की शुरूआत में उन्होंने कहा था, ‘बीते दो दशकों में कई बार मेरा नाम राजनीति में घसीटा गया और मैं हर चुनाव में यह स्पष्टीकरण देने को मजबूर हुआ कि मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं.’


संयोगवश वर्ष 1995 में आई उनकी फिल्म ‘मुथु’ में उनका एक गीत आया था जिसके लफ्ज थे, ‘मैं अभी कोई पार्टी क्यों बनाउं, यह तो वक्त ही बताएगा.’ उल्लेखनीय है कि तमिल सिनेमा के राजनीति के हमेशा करीबी संबंध रहे हैं. दिवंगत एम जी रामचन्द्रन (एमजीआर) और जे जयललिता के अलावा पटकथा लेखक एम करणानिधि ने भी राज्य की सत्ता संभाली.


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जब रजनीकांत ने कहा- अम्मा को वोट न  दें 
ये चर्चाएं राजनीति में शामिल होने पर अनिश्चय जताते रजनीकांत के हालिया बयानों से शुरू हुईं. यह पहली बार नहीं है. इससे पहले वर्ष 1996 में ऐसी अटकलें लगी थीं, जब उन्होंने जनता से सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे जयललिता के पक्ष में मतदान ना करें. ‘अम्मा’ उस समय विधानसभा चुनाव हार गयी थीं और द्रमुक-टीएमसी :तमिल मनीला कांग्रेस: को भारी जीत मिली थी.


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प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में चेन्नई के दौरे के दौरान रजनीकांत से आवास पर उनसे मुलाकात की थी
रामचन्द्रन तो राजनीति की तरह ही सिनेमा में भी बेहद सफल रहे. रजनीकांत के प्रशंसक यह देखना चाहते हैं कि क्या वह भी एमजीआर जैसा करिश्मा दोहरा सकते हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई शीर्ष नेताओं के साथ रजनीकांत के काफी अच्छे संबंध हैं जिनका कहना है कि पार्टी में अभिनेता का स्वागत है.तमिलनाडु के भाजपा नेता और केन्द्रीय राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन ने हाल में ही कहा था, ‘‘यदि वह राजनीति में आते हैं, तो हम उनका स्वागत करते हैं. वह भाजपा में शामिल होते हैं, तो उनका स्वागत है.’उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2014 में चेन्नई के दौरे के दौरान रजनीकांत से आवास पर उनसे मुलाकात की थी.