Rajiv Gandhi Assassination: राजीव गांधी की हत्या के आरोपी की हार्ट अटैक से मौत, SC ने दी थी रिहाई; पूर्व PM के नाम पर बने अस्पताल में था भर्ती
Rajiv Gandhi Assassination news: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे की मौत हो गई. श्रीलंकाई नागरिक संथन को कुछ दिन पहले इलाज के लिए राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल के डीन डॉ. वी. थेरानीराजन ने बताया कि सुबह 7:50 बजे अचानक उसे हार्ट अटैक आया जिसेस उसकी मौत हो गई.
Rajiv Gandhi Assassination Case accused santhan dies: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए संथन की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी. आपको बताते चलें कि संथन उर्फ टी. सुतेनदिराराजा को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था. संथन की उम्र 55 साल थी वो एक श्रीलंकाई नागरिक था और उन सात लोगों में से एक था जिसे पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के जुर्म में 20 वर्ष से ज्यादा की जेल की सजा काटने के बाद दो साल पहले 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था.
अस्पताल प्रशासन ने की पुष्टि
राजीव गांधी गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल के डीन ई थेरानिरजन ने बताया कि संथन की मौत सुबह सात बजकर 50 मिनट पर हुई. संथन का यकृत खराब था और उसका उपचार किया जा रहा था. थेरानिराजन ने संवाददाताओं से कहा कि संथन को बुधवार तड़के करीब चार बजे दिल का दौरा पड़ा, इसके बाद उसे सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया गया और वेंटिलेटर पर रखा गया था. संथन का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि संथन पर इलाज का कोई असर नहीं हुआ और बुधवार सुबह सात बजकर 50 मिनट पर उसकी मौत हो गई.
श्रीलंका भेजा जाएगा शव
चेन्नई जिला प्रशासन के मुताबिक, '27 जनवरी को लीवर खराब होने के कारण उसे तिरुचिरापल्ली के स्पेशल कैंप से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा और संथन की डेडबॉडी को श्रीलंका भेजने के लिए कानूनी व्यवस्थाएं की जा रही हैं. आपको बताते चलें कि रिहाई के बाद से संथन को तिरुचिरापल्ली के एक स्पेशल कैंप में रखा गया था.
कब और क्यों हुई थी राजीव गांधी की हत्या?
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में हुआ था. 1991 में एक चुनावी रैली में बम धमाके में हुई उनकी हत्या ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था. उनकी हत्या श्रीलंका में स्थित एक सशस्त्र तमिल अलगाववादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) ने की थी. तत्कालीन सरकार की नीतियां लिट्टे को पसंद नहीं थीं. इसलिए उन्होंने साजिश करके अपने लोगों को प्लांट किया. उसी दौर में दक्षिण भारत में चुनाव प्रचार के दौरान कलैवानी राजरत्नम (जिसे काल्पनिक नाम थेनमोझी राजरत्नम और धनु के नाम से जाना जाता है) ने रात करीब 10:10 बजे, राजीव गांधी के पैर छूने के बहाने ड्रेस के नीचे बंधी आरडीएक्स विस्फोटक से भरी बेल्ट से धमाका कर दिया था. इस धमाके में राजीव गांधी, उनकी हत्या की वजह बनी धनु और 14 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे.