Rajya Sabha Election: भाजपा ने आज राज्यसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर सभी को चौंका दिया. सालों से उम्मीद में बैठे कई दिग्गजों को निराशा हाथ लगी है. लेकिन भाजपा ने उम्मीदवारों की लिस्ट से यह भी स्पष्ट कर दिया है कि संगठन से जुड़े रहने वालों को कभी खाली हाथ नहीं रहने देती. पार्टी ने इसका जीता जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश के चंदौली की रहने वाली साधना सिंह को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित कर दिया है. आइये आपको बताते हैं साधना सिंह के जरिये भाजपा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को क्या संदेश देने की कोशिश की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1993 में थामा भाजपा का दामन 


साधना ने 1993 में भाजपा से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. भाजपा से जुड़ने के बाद उन्होंने पार्टी के कई पदों की जिम्मेदारी संभाली. भाजपा ने चंदौली महिला मोर्चा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी एक नहीं दो बार सौंपी. चंदौली के बबुरी में रहने वाली साधना सिंह के राजनीति के साथ-साथ अपने परिवार की भी जिम्मेदारी बखूबी निभाती हैं. 


2017 में बनीं विधायक


उन्होंने चंदौली से ग्रेजुएशन की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद उनकी शादी किसान व व्यापारी छविनाथ सिंह से हुई. उनके तीन बच्चों में से बड़े बेटे अमन सिंह जेल अधीक्षक (प्रशिक्षु) हैं. राजनीति में कदम रखने से पहले साधना सिंह व्यापारी संगठनों से जुड़ी हुई थीं. 2017 में उन्होंने भाजपा के टिकट से मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्होंने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की.


2022 में नहीं मिला टिकट


2022 का विधानसभा चुनाव आया तो पार्टी ने साधना सिंह की जगह रमेश जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किया था. टिकट नहीं मिलने का मलाल जताए बिना साधना सिंह भाजपा के साथ जुड़ी रहीं. सब्र दिखाते हुए वे पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को संभालती रहीं. जिसका फल उन्हें अब मिला है. भाजपा ने उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया है. 


2024 में राज्यसभा का टिकट


भाजपा द्वारा भरोसा जताने पर साधना सिंह ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा कार्यकर्ताओं की मेहनत और निष्ठा को याद रखती है. यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के लिए उम्मीदवार चुना. साधना सिंह को उम्मीदवार घोषित करते हुए पार्टी ने भी कार्यकर्ताओं और नेताओं को बड़ा संदेश दिया है. भाजपा ने इस फैसले से जाहिर कर दिया है कि जो पार्टी के लिए लगन से काम करेगा, उसका योगदान जाया नहीं जाएगा.