नई दिल्ली: तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने के उद्देश्य से लाये गए 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक' पर मंगलवार को मोदी सरकार की बड़ी जीत हुई है. लोकसभा से इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद इसे मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया गया. ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई. बिल के पक्ष में 99 जबकि विपक्ष में 84 वोट पड़े. अब बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप ले लेगा. एनडीए के 16 दलों ने इस बिल का बहिष्कार किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. वहीं, विपक्ष की ओर से एनसीपी, बसपा, आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने इस बिल का बॉयकट किया.


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इससे पहले, बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव गिर गया था. तभी तय हो गया था कि यह बिल राज्यसभा में पास हो जाएगा क्योंकि वोटिंग के दौरान संख्याबल यही रहने के आसार थे. थोड़ी देर बाद, बिल पास हो गया. लोकसभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्‍यसभा में पेश किया गया था. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दोपहर 12 बजे बिल सदन के पटल पर रखा था. 


अब ट्रिपल तलाक दिया तो क्या होगा? 
1. देश में अब ट्रिपल तलाक अपराध होगा. 
2. ट्रिपल तलाक देने पर पति को अधिकतम 3 साल की सजा मिल सकती है. 
3. पीड़िता या रिश्तेदार अब एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. 
4. अब कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा.
5. किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक अवैध होगा.
6. जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है.
7. तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध होगा. 
8. तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने और अपने नाबालिग बच्चों के लिए मजिस्ट्रेट से भरण-पोषण और गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है.
9. मजिस्ट्रेट तय करेगा कितना गुजारा भत्ता देना है.
10. महिला अपने नाबालिग बच्चों की कस्टडी के लिए भी मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकती है.


 



कांग्रेस के 4 सदस्य किसी वजह से सदन में मौजूद नहीं थे. वहीं बीजेपी के दो सांसद सदन में मौजूद नहीं थे. उधर, राज्यसभा में ट्रिपल तलाक पास होने पर कानून मंत्री रविशंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कह, "यह ऐतिहासिक दिन है. दोनों सदनों ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय प्रदान किया है. ये बदलते भारत की शुरुआत है."