मदन लाल सैनी के सम्मान में दोपहर दो बजे तक राज्यसभा स्थगित
सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर बताया कि ल्यूकेमिया से पीड़ित सैनी का जयपुर में इलाज चला और शनिवार को उन्हें दिल्ली लाया गया था.
नई दिल्ली : राज्यसभा की बैठक सोमवार को अपने दिवंगत सदस्य मदन लाल सैनी के सम्मान में दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष 75वर्षीय सैनी का कल शाम यहां स्थित अखिल भारतीय चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था.
सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर बताया कि ल्यूकेमिया से पीड़ित सैनी का जयपुर में इलाज चला और शनिवार को उन्हें दिल्ली लाया गया था. उन्हें एम्स के हीमेटोलॉजी विभाग में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था. कल शाम उन्होंने अंतिम सांस ली.
नायडू ने कहा कि राजस्थान के सीकर में जुलाई 1943 को जन्मे सैनी ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1972 से 1975 तक वकालत की और फिर वह भारतीय मजदूर संघ से जुड़ गए. मजदूरों के अधिकारों के लिए काम करते हुए सैनी कई मजदूर संघों से संबद्ध रहे.
राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे सैनी को पिछले साल भाजपा की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. अप्रैल 2018 को उच्च सदन के लिए चुने गए सैनी राज्यसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
नायडू ने कहा कि सैनी के निधन से देश ने एक श्रेष्ठ सांसद तथा वंचित वर्गों का एक हितैषी खो दिया है. सदन में मौजूद सदस्यों ने सैनी के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा.
इसके बाद नायडू ने उच्च सदन की बैठक दिवंगत सदस्य के सम्मान में दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. उन्होंने कहा कि दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा. दोपहर दो बजे तक उच्च सदन की बैठक स्थगित करने का फैसला आज सुबह नायडू की अध्यक्षता में हुई करीब 15 दलों के नेताओं की बैठक में किया गया.
सरकार राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा मंगलवार तक पूरी कर लेना चाहती है ताकि बुधवार को जी20 शिखर सम्मेलन के लिए जापान रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा का जवाब दे सकें.
बैठक में जिक्र किया गया कि 1984 में जब उच्च सदन के तत्कालीन सदस्य कल्याण राय (माकपा) का निधन हुआ था तब राज्यसभा की बैठक एक घंटे के लिए स्थगित की गई थी. इसके बाद सामान्य कामकाज हुआ था.
एक अन्य संदर्भ विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने दिया कि जब पूर्व विदेश राज्य मंत्री एवं तत्कालीन लोकसभा सदस्य ई अहमद का निधन हुआ था तब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बजट पेश किया गया था.