Ram Madhav Statement: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता राम माधव ने कहा है कि भारत-चीन सीमा मुद्दे को लेकर यह रवैया काम नहीं करेगा कि ‘‘मुझे इस विवाद को अपने जीवनकाल में सुलझा लेना चाहिए.’’


'समाधान के लिए जल्दी मत कीजिए'


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विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित (सेवानिवृत्त) कर्नल अनिल भट्ट की पुस्तक ‘चाइना ब्लडीज बुलेटलेस बॉर्डर्स’ का विमोचन करते हुए राम माधव ने कहा कि किसी को भी इसे ‘‘विरासत का मुद्दा’’ नहीं बनाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘(भारत-चीन सीमा विवाद के) समाधान के लिए जल्दी मत कीजिए.’’


राम माधव ने कहा, ‘‘ऐसा सोचने की आवश्यकता नहीं है कि यह ‘मेरे जीवनकाल में हल हो जाना चाहिए. यह हल होने वाला नहीं है, क्योंकि आप केवल किसी देश से नहीं निपट रहे, बल्कि आप एक सभ्यता, एक सांस्कृतिक से निपट रहे हैं. 


राम माधव ने कहा कि क्या आप जानते हैं सोवियत संघ और चीन के बीच सीमा विवाद को बोरिस येल्तसिन ने सुलझाया था. अब, किसने सोचा होगा कि येल्तसिन आखिरकार उस मुद्दे को सुलझा लेंगे. उन्होंने किया. यह उनके क्रेडिट में गया.


बता दें कि पूर्व रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन और तत्कालीन चीनी राष्ट्राध्यक्ष जियांग जेमिन ने नवंबर 1997 में दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद को समाप्त कर दिया था. राम माधव आगे कहते हैं कि भारत-चीन सीमा विवाद के समाधान के लिए जल्दी मत करिए . यह हल होने वाला नहीं है, क्योंकि आप किसी अन्य देश के साथ डील नहीं कर रहे हैं, आप एक सभ्यता, एक सांस्कृतिक राष्ट्र के साथ काम कर रहे हैं.


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