Ranchi Violence: झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में शामिल उपद्रवियों को पकड़ने के लिए राज्यपाल के निर्देश पर मंगलवार को रांची पुलिस द्वारा उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए. इसके बाद  राज्य के होम सेक्रेटरी ने रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सुरेन्द्र कुमार झा को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है.


राज्यपाल के निर्देश के बाद लगाए गए थे पोस्टर


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राज्य सरकार और राजभवन में बढ़ती तनातनी का यह एक नया मामला प्रतीत होता है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की पैगबंर मोहम्मद को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ रांची में 10 जून को हुई हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान तथा गिरफ्तारी के लिए राज्यपाल के निर्देशानुसार 14 जून की शाम को रांची में कुछ सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस द्वारा उपद्रवियों की तस्वीर वाले पोस्टर एवं होर्डिंग लगाए गए थे.



होम सेक्रेटरी​ ने SSP से मांग जवाब


राज्य के होम सेक्रेटरी राजीव अरुण एक्का ने बुधवार देर रात रांची के SSP सुरेन्द्र कुमार झा को इस संबंध में नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का कहा है. नोटिस में कहा गया कि SSP, ‘दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण दें.’


इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश का दिया हवाला


नोटिस में 9 मार्च 2020 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश का उल्लेख करते हुए कहा गया, ‘10 जून को रांची में हुई घटनाओं में अवैध रूप से एकत्रित होने तथा हिंसा में कथित रूप से शामिल लोगों की तस्वीर वाले पोस्टर 14 जून को रांची पुलिस द्वारा लगाए गए, जिनमें कई लोगों के नाम और डिटेल्स भी दिए गए हैं. ये कानून सम्मत नहीं है और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 9 मार्च 2020 को एक जनहित याचिका के संबंध में दिए आदेश का उल्लंघन है.’


बैनर को तत्काल हटाने के दिए निर्देश


गृह, कारागार और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव एक्का ने एक बयान में कहा कि उपरोक्त पारित आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सड़क किनारे लगे बैनर को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे. एक्का ने कहा कि कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि बिना कानूनी अधिकार के लोगों की व्यक्तिगत जानकारी वाले बैनर सड़क किनारे न लगाएं. ये मामला और कुछ नहीं बल्कि लोगों की निजता में एक अनुचित हस्तक्षेप है. इसलिए, यह भारत के संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन है.


गौरतलब है कि राज्य की राजधानी में विभिन्न स्थानों पर पोस्टर लगाने के बाद पुलिस ने तकनीकी त्रृटि के कारण इन्हें वापस ले लिया था. पुलिस ने कहा था कि वह त्रृटि को ठीक कर पोस्टर दोबारा जारी करेगी.



(इनपुट- भाषा)


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