नई दिल्लीः राष्ट्रपति भवन में इस बार रोजा इफ्तार पार्टी नहीं होगी.राष्ट्रपति भवन के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रपति कोविंद ने फैसला किया है कि करदाताओं के पैसों को खर्चना सही नहीं है. आपको बता दें कि राष्ट्रपति भवन के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब यहां इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं होगा. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी अपने कार्यकाल के दौरान इफ्तार पार्टियों पर रोक लगा दी थी. 


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राष्ट्रपति भवन के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने मीडिया को बताया, '25 जुलाई 2017 से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पदभार संभालने के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया कि राष्ट्रपति भवन सार्वजनिक भवन है, यहां करदाताओं के पैसों पर किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों या उत्सवों का आयोजन नहीं किया जाएगा '



साल वर्ष 2002 से 2007 के बीच राष्ट्रपति भवन में इफ्तार की दावत नहीं दी गई थी. गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम इफ्तार पार्टी पर होने वाले खर्च को निर्धन और बेसहारा बच्चों की शिक्षा के लिए दान कर देते थे. बता दें कि राष्ट्रपति भवन में 25 दिसंबर को क्रिसमस के दौरान कैरल सिंगिंग और रमजान के दौरान इफ्तार दावत का आयोजन पहले से चला आ रहा है. हालांकि किसी अन्य धर्म /समुदाय के त्योहारों से सम्बंधित दूसरे कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में पहले ही नहीं. ऐसे में अब कम से कम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल के दौरान ये दोनों कार्यक्रम नहीं होंगे यह तय माना जा रहा है. राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति भवन में अब किसी भी त्योहार पर पार्टी नहीं होगी. 


जानकारों की मानें तो राष्ट्रपति कोविंद द्वारा इफ्तार पार्टी की परंपरा को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में शिरकत नहीं की थी. जिस समय इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ उस समय पीएम मोदी की पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक थी. पीएम मोदी अपने व्‍यस्‍त कार्यक्रम की वजह से इस पार्टी में नहीं जा सके थे. इससे पहले साल 2014 में भी पीएम मोदी ने राष्ट्रपति की ओर से दी गयी इफ्तार पार्टी में शिरकत नहीं की थी.