National Disaster Criteria: वायनाड लैंडस्लाइड में अब तक 365 लोगों की मौत हो चुकी है. अब भी 200 से ज्यादा लोग लापता हैं. हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग पर बहस छिड़ी हुई है. केंद्र सरकार ने वायनाड लैंडस्लाइड को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांगों को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार ने कहा कि दिशा-निर्देशों के तहत ऐसी कोई नीति मौजूद नहीं है. ऐसे में आप भी यह जानना चाहते होंगे कि किसी हादसे को कब राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाता है?


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राष्ट्रीय आपदा कब घोषित की जाती है


राष्ट्रीय आपदा एक ऐसी घटना है जो किसी देश के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करती है. जिसके चलते बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान होता है. ऐसी घटनाएं आमतौर पर प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप, सुनामी, बाढ़, सूखा, चक्रवात या मानवजनित आपदाएं जैसे परमाणु दुर्घटनाएं, रासायनिक रिसाव या बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती हैं.


राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए क्या मानदंड


कोई एक मानदंड नहीं है जिसके आधार पर राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाती है. यह कई कारकों पर निर्भर करता है. जैसे कि प्रभावित क्षेत्र का आकार, अगर एक बड़ा भौगोलिक क्षेत्र प्रभावित होता है तो आपदा को राष्ट्रीय स्तर पर माना जा सकता है. जान-माल का नुकसान, यदि बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं या घायल होते हैं, और संपत्ति का व्यापक नुकसान होता है, तो आपदा को राष्ट्रीय आपदा माना जा सकता है. आपदा से अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है, तो आपदा को राष्ट्रीय स्तर पर माना जा सकता है.


नेशनल डिजास्टर के दो प्रकार


प्राकृतिक आपदाएं: भूकंप, सुनामी, बाढ़, सूखा, चक्रवात आदि प्राकृतिक कारणों से होने वाली आपदाएं हैं.


मानवजनित आपदाएं: युद्ध, आतंकवाद, औद्योगिक दुर्घटनाएं, रासायनिक दुर्घटनाएं आदि मानवीय कार्यों के परिणामस्वरूप होने वाली आपदाएं हैं.


कौन राष्ट्रीय आपदा घोषित करता है?


आमतौर पर सरकार या आपदा प्रबंधन एजेंसी राष्ट्रीय आपदा घोषित करती है. घोषणा के बाद, सरकार आपदा से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए आपातकालीन उपायों को लागू करती है. भारत में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) आपदाओं का आकलन करता है और राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की सिफारिश करता है.


2013 की उत्तराखंड बाढ़


2013 की उत्तराखंड बाढ़ को भारत में राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया था. क्योंकि इसने उत्तराखंड के बड़े हिस्से को प्रभावित किया था और बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ था. 2004 की हिंद महासागर आई सुनामी को भी भारत सहित कई देशों में राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया था. बता दें कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करना एक गंभीर निर्णय होता है. क्योंकि इससे सरकार को बड़े पैमाने पर संसाधनों का आवंटन करना पड़ता है. इसलिए, यह निर्णय डेटा और विश्लेषण के आधार पर सावधानीपूर्वक लिया जाता है.