Ration Card Rule: UP में राशन कार्ड को लेकर बदल गया नियम? इन 5 कंडीशन में हो जाएगा रद्द
Ration Card Rules: अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और आपके पास एक से ज्यादा हथियारों के लाइसेंस हैं तो आपका राशन कार्ड रद्द हो सकता है. इसके अलावा इनकम टैक्स देने वाले, कार, एसी और 5 केवीए से अधिक क्षमता का जनरेटर रखने वालों को भी राशन कार्ड जारी नहीं किया जा सकता.
Ration Card Rules for Uttar Pradesh: अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और आपके पास राशन कार्ड (Ration Card Holder) है तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. दरअसल, उत्तर प्रदेश खाद्य विभाग ने राज्य के सभी जिलों में राशन कार्ड के सत्यापन को लेकर विशेष अभियान चलाया है. इसके तहत तय मानकों को पूरा नहीं करने वालों का राशन कार्ड रद्द होगा और उनकी जगह पर नए पात्र लोगों के राशन कार्ड (How to make Ration Card) बनाए जाएंगे. बता दें राज्य सरकार पात्र गृहस्थी के तहत राशन कार्ड जारी करती है और उन परिवारों को सस्ती दरों पर राशन दिया जाता है.
किन लोगों के राशन कार्ड नहीं मिलेगा
खाद्य विभाग के तय मानको के अनुसार, जिन परिवारों के पास एक से ज्यादा हथियारों का लाइसेंस होंगे, उनका राशन कार्ड रद्द किया जाएगा. नियम के अनुसार, इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले, फोर व्हीलर रखने वाले, एसी और 5 केवीए या उससे अधिक क्षमता का जनरेटर रखने वालों को भी राशन कार्ड जारी नहीं किया जा सकता. अगर ऐसे परिवारों के पास राशन कार्ड है तो उनका राशन कार्ड रद्द किया जाएगा.
5 एकड़ से ज्यादा जमीन वालों को भी नहीं मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लोगों के पास 5 एकड़ से अधिक सिंचित जमीन है तो ऐसे परिवार भी राशन कार्ड के दायरे में नहीं आते हैं और ऐसे लोगों का भी राशन कार्ड रद्द होगा. बुंदेलखंड और सोनभद्र में सिंचित जमीन की सीमा 7.5 एकड़ है. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे लोगों को भी राशन कार्ड नहीं मिलेगा, जिनके पास 100 मीटर से अधिक के प्लॉट या उस पर निर्मित मकान हों.
गांव में 2 लाख और शहर में 3 लाख से ज्यादा आय
अगर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवार की आय सलाना दो लाख रुपये से अधिक है तो वे राशन कार्ड के लिए अपात्र हो जाएंगे. वहीं, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के लिए आय की सीमा 3 लाख रुपये सालाना निर्धारित है. इससे ज्यादा कमाई करने वालों को भी राशन कार्ड जारी नहीं किए जाएंगे. खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इन मानकों के आधार पर पात्र गृहस्थी के लाभार्थियों के सत्यापन का काम तेजी से चल रहा है. अपात्रों को योजना के दायरे से बाहर किया जाएगा, ताकि नए पात्र लोग लाभान्वित हो सकें.