नई दिल्ली : सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) ने गत 9 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में लगे 'देश विरोधी' नारों वाले वीडियो क्लिप को सही पाया है। जेएनयू परिसर में 'देश विरोधी' नारे लगाने के आरोप में कन्हैया, उमर और अन्य छात्र गिरफ्तार हुए थे। फिलहाल, कन्हैया और उमर जमानत पर हैं।


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जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद पर 'देश विरोधी' नारे लगाने का आरोप है। संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी पर उमर खालिद ने जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था और इस कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाए गए। 
  
'द हिंदू' ने दिल्ली पुलिस के एक सूत्र के हवाले से बताया कि 'देश विरोधी' नारे वाला वीडियो सही और प्रामाणिक है। गत नौ फरवरी को ज़ी न्यूज ने जेएनयू कैंपस में छात्रों को 'देश विरोधी' नारे लगाते वीडियो को शूट किया था। मीडिया के एक धड़े में इस वीडियो को लेकर दुष्प्रचार किया गया कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई। बाद में दिल्ली पुलिस ने ज़ी न्यूज के इस वीडियो को फॉरेंसिक जांच के लिए सीएफएसएल के पास भेज दिया।


समाचार पत्र ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के एक सूत्र के हवाले से कहा, 'हमें 8 जून को रिपोर्ट मिली जिसमें फुटेज को सही पाया गया है।'


मामले में दिल्ली पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी में कहा गया कि गत 9 फरवरी की रात उमर खालिद के नेतृत्व में छात्रों के एक समूह ने परिसर में कथित रूप से 'भारत-विरोधी' और 'पाकिस्तान के समर्थन' में नारे लगाए। 


एफआईआर के मुताबिक, 'वीडियो में पाया गया कि उमर खालिद के नेतृत्व में वहां जुटे समूह के लोगों ने 'देश-विरोधी' नारे 'कितने अफजल मारोगे, घर-घर से अफजल निकलेगा' और 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए।'


इसके पहले गांधीनगर स्थित सीएफएसएल ने नारों से संबंधित चार और वीडियो एवं मोबाइल क्लिप्स को सही पाया है।