Paytm Story: आज देश के 30 करोड़ से ज्यादा लोग एक दूसरे से पूछ रहे हैं, 'पेटीएम करें या नहीं'. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने फिनटेक कंपनी पेटीएम को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. आपमें से बहुत से लोग छोटे-मोटे लेनदेन के लिए पेटीएम मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते होंगे. आपने वो ऐड भी देखा होगा, जिसमें कहते हैं 'पेटीएम करो'. लेकिन बहुत से लोगों को शंका है कि क्या अब ऐसा हो पाएगा.


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दरअसल RBI ने पेटीएम की पेटीएम पेमेंट्स बैंक की सर्विसेज को रद्द कर दिया है. RBI के इस कदम का क्या मतलब है, और उसका पेटीएम के उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा, ये हम आज आपको बताने वाले हैं.


आपमें से बहुत से लोग पेटीएम ऐप की बैंकिंग सर्विसेज का इस्तेमाल करते होंगे. आपमें से बहुत सारे लोगों ने पोस्ट पेड पेमेंट सर्विसेज का भी इस्तेमाल किया होगा. पेटीएम में बैंक खाता खुलवाया होगा, या फिर आप पेटीएम का डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते होंगे. 


अब पेटीएम यूजर्स का क्या होगा?


यहीं नहीं आपमें से बहुत सारे लोग तो पेटीएम वॉलेट सर्विस का इस्तेमाल कर रहे होंगे. आगे आने वाले वक्त में पेटीएम ऐप या उसकी सर्विसेज जैसे FASTags, वॉलेट या बैंक खाते का इस्तेमाल कर पाएंगे या नहीं, ये हम आपको बताने वाले हैं. लेकिन सबसे पहले तो आपको बता दें कि RBI ने बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 की धारा 35A के तहत पेटीएम पर कार्रवाई की है.


 ये धारा RBI को ये अधिकार देती है कि वो जनता के हित में, बैकिंग सेवाओं के हित में और बैंकिंग सिस्टम में गड़बड़ी को रोकने और उसकी देखरेख के लिए, बैकिंग सेवा देने वाली किसी भी संस्था को जरूरी निर्देश दे सकती है.



इस धारा के तहत 11 मार्च 2022 को RBI ने पेटीएम पेमेंट्स पेटीएम बैंक को नए ग्राहक बनाने से रोक दिया था. यानी तब से लेकर आज तक पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के पास उनके पुराने ग्राहक ही बने हुए थे. RBI का नया निर्देश, पेटीएम के मौजूदा ग्राहकों के लिए है.


RBI को मिली गड़बड़ियों की शिकायत


RBI ने ऑडिट रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में कुछ गड़बड़ियों की शिकायत मिली है.इसी वजह से 29 फरवरी 2024 तक पेटीएम पेमेंट्स बैंक की सर्विसेज़ पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी और 15 मार्च तक पेटीएम को ग्राहकों के साथ सेटेलमेंट का टाइम दिया गया है. सेटेलमेंट में खाते पर ब्याज, कैशबैक या रिफंड से जुड़े मामले निपटाए जाएंगे.


RBI ने बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 की धारा 35A के तहत PPBL के लिए जो निर्देश जारी किए हैं. उसके मुताबिक:


  •  पेटीएम पेमेंट बैंक में ग्राहक अब डिपॉजिट या क्रेडिट से जुड़ा कोई भी लेन-देन नहीं कर पाएंगे. हालांकि 29 फरवरी से पहले आप पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते से पैसा निकालकर दूसरे बैंक खातों में जमा कर सकते हैं.

  • इसके अलावा पेटीएम की प्रीपेड सर्विसेज जैसे वर्चुअल गिफ्ट कार्ड्स जैसी सर्विस बंद रहेगी.

  • पेटीएम वॉलेट भी बंद हो रहा है. अगर आप पेटीएम के वॉलेट में पैसे डालकर रखते हैं, या फिर उसका इस्तेमाल पेमेंट करने के लिए करते हैं तो ये सुविधा 29 फरवरी को बंद होने वाली है.

  • आपमें से बहुत से लोगों की गाड़ियों में पेटीएम के FASTags भी लगे हुए हैं. पेटीएम FASTag सर्विस का इस्तेमाल भी आप 29 फरवरी के बाद नहीं कर पाएंगे, ये सर्विस भी वॉलेट से ही जुड़ी होती है.

  • पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने लोगों को नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी दिया है जो यात्रा करने, टोल भरने, शॉपिंग करने में इस्तेमाल होता था, ये सेवा भी 29 फरवरी को बंद कर दी जाएगी है.

  • फिलहाल 29 फरवरी तक ही ग्राहक पेटीएम पेमेंट्स बैंक में रखे गए पैसों का इस्तेमाल कर सकते हैं या वापस ले सकते हैं.

  •  29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक केवल भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट यानी BBPOU और UPI जैसी सर्विस ही दे पाएगी.

  • जब देश में कोरोना महामारी का दौर था तब देश में Digital Payment क्रांति चल रही थी. इस क्रांति का अगुवा पेटीएम ऐप था. यही वजह है कि आज देश में 30 करोड़ से ज्यादा पेटीएम यूजर्स हैं.


आमतौर पर डिजिटल पेमेंट्स के लिए देश में एक सरकारी संस्था है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम कहते हैं. डिजिटल पेमेंट के लिए हम जिस UPI यानी Unified Payments Interface का इस्तेमाल करते हैं, वो इसी संस्था की निगरानी में डेवलप हुआ है. अप्रैल 2016 में मोबाइल से डिजिटल पेमेंट के विकल्प UPI को देश के सामने पेश किया गया था. लेकिन उस वक्त डिजिटल पेमेंट जैसी सुविधा कुछ मोबाइल ऐप ही उपलब्ध करवाते थे. 


ऐप कंपनियों के थे अपने पेमेंट गेटवे


इन ऐप कंपनियों के अपने पेमेंट गेटवे थे, जिनके जरिए पैसों का लेनदेन होता था. पेमेंट गेटवे को आप डिजिटल दुनिया की एक ऐसी अतिसुरक्षित जगह मान सकते हैं, जिसके जरिए लेनदेन काफी सुरक्षित और आसान हो जाता है.


कई मोबाइल ऐप ऐसे भी थे, जिन्होंने अलग से वॉलेट सर्विसेज शुरू की थीं. इसमें मोबाइल ऐप के वॉलेट में डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पैसे जमा किए जाते थे, और फिर उस वॉलेट से दूसरे व्यक्ति के उसी मोबाइल ऐप के वॉलेट में भेज दिए जाते थे. Wallet से पैसों का लेनदेन इसी तरीके से किया जाता था. लेकिन उस वक्त समस्या ये थी, कि मोबाइल ऐप के वॉलेट से पैसा अपने बैंक अकाउंट में वापस डालना एक चुनौती था. वॉलेट से बैंक अकाउंट में पैसा भेजने पर मोबाइल ऐप सर्विस चार्ज लेती थीं.


2016 में आया था यूपीआई


लेकिन वर्ष 2016 में NPCI जब UPI लेकर आया, तो ये एक ऐसी सर्विस थी, जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को, बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकता था. फिर चाहे वो रकम कितनी भी छोटी क्यों ना हो.अपने मोबाइल फोन से छोटी से छोटी रकम, दूसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने का ये सिस्टम लोगों में लोकप्रिय होने लगा. इसके बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए NPCI ने 'Bharat Interface Of Money' नाम से एक मोबाइल ऐप बनाया, इसे 'BHIM (भीम) ऐप' भी कहा जाता है.


उस वक्त इस मोबाइल ऐप के जरिए डिजिटल पेमेंट की जाती थी. जिस व्यक्ति के पास ये मोबाइल ऐप होता था, वो मोबाइल फोन के जरिए सीधे दूसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकता था, वो भी बिना किसी सर्विस चार्ज के.


2014 में पेटीएम ने लॉन्च की वॉलेट सर्विस


जहां तक पेटीएम की बात है तो वर्ष 2014 से पहले पेटीएम भी अपने पेमेंट गेटवे के जरिए ही मोबाइल ऐप यूजर्स को मोबाइल या DTH रीचार्ज जैसी सेवाएं देता था. इसके बाद वर्ष 2014 में पेटीएम ने वॉलेट सर्विस लॉन्च कर दी थी. UPI एक ऐसा पेमेंट गेटवे था, जिसका इस्तेमाल डिजिटल पेमेंट से जुड़ी, हर कंपनी करना चाहती थी.


पेटीएम ने भी यही किया. डिजिटल पेमेंट के मामले में पेटीएम को काफी पसंद भी किया गया था. वर्ष 2017 में पेटीएम ने अपनी बैंकिंग सर्विसेज भी शुरू की. जिसके लिए RBI से पेमेंट बैंकिंग लाइसेंस भी लिया. पेमेंट बैंकिंग लाइसेंस मिलने के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंकिंग लिमिटेड कंपनी अपने ग्राहकों के बैंक खाते खोल सकती थी, उनके पैसे जमा कर सकती थी, ग्राहकों को डेबिट कार्ड भी दे सकती थी. इन्हीं बैंकिग सेवाओं में गड़बड़ी की आशंका के बीच RBI ने एक्शन लिया है.


पेटीएम ने दी सफाई


  • RBI के इस एक्शन के बाद पेटीएम ने अपने ग्राहकों के सामने अपने पक्ष में सफाई पेश की है. पेटीएम के मुताबिक वो RBI के निर्देशों का पालन करेंगे. पेटीएम ने अपने ग्राहकों को बताया है कि उनके पैसे Wallet, Fastag और बैंक के सेविंग अकाउंट में सुरक्षित हैं.

  •  पेटीएम का कहना है कि वो Payment Gatway के लिए केवल पेटीएम Payments Bank के साथ काम नहीं करते बल्कि अन्य बैंकों के साथ भी काम करते हैं, इसके लिए वो अन्य बैंकों के साथ सहयोग बढ़ाएगा.

  • पेटीएम के मुताबिक उनकी Loan Service, Mutual Fund या Insurance Services चलती रहेंगी.


पेटीएम की बैंकिंग सर्विसेज़ पर एक्शन तो लिया गया है लेकिन एक सवाल का जवाब RBI ने फिलहाल नहीं दिया है. वो सवाल ये है कि आखिर किन गड़बड़ियों की वजह से पेटीएम की बैंकिंग सर्विसेज़ को बंद किया गया है. कुछ लोगों का ये मानना है कि RBI ने पेटीएम पर बहुत सख्त कार्रवाई की है. लेकिन ऐसा नहीं है. पिछले कुछ वर्षों से RBI, बैंकिग सेवाओं को लेकर पेटीएम के सामने कुछ खास मुद्दे उठाता रहा है. RBI ने भी ये बात साफ की है, कि पेटीएम बैंकिंग से जुड़ी उनकी चिंताओं का समाधान नहीं निकाला गया. आपको जानना जरूरी है कि


  • अक्टूबर 2023 में RBI ने पेटीएम पर 5 करोड़ 39 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. RBI ने ये जुर्माना बैंकिंग से जुड़ी गाइंडलाइंस को ना मानने की वजह से लगाया था.

  • मार्च 2022 में RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ऑडिट के बाद उनपर नए बैंकिंग ग्राहक बनाने पर रोक लगा दी थी.

  •  वर्ष 2018 में भी RBI ने पेटीएम की ओर से की जाने वाली KYC प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. जानकारों के मुताबिक RBI एक्शन की कुछ खास वजह बताई गई हैं. जैसे पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड ने RBI की KYC से संबंधित गाइडलाइंस का ठीक से पालन नहीं किया.

  • ये भी पाया गया है कि पेटीएम PAYMENTS BANK के कुछ खातों के ग्राहकों की पूरी जानकारी, बैंक के पास नहीं है.

  • पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने अपने ग्राहकों की 'रिस्क प्रोफाइलिंग' नहीं की. यानी उसने अपने ग्राहकों की क्षमता को देखकर उन्हें बैंकिंग सर्विसेज़ नहीं दीं.

  • आरोप ये भी है कि पेटीएम में चीन का पैसा लगा है. दिसंबर 2023 तक चीन की कंपनी अलीबाबा की एक सहयोगी कंपनी 'Antfin' की पेटीएम में 9.89 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

  • पिछले कुछ वर्षों में भारत और चीन के बीच संबंधों में जो दरार आई है, ऐसे वक्त में चीन की कंपनियों का भारत में हो रहे निवेश पर नजर रखी जा रही है.


पेटीएम के मुताबिक उसकी बैंकिंग सर्विसेज़ बंद होने की वजह से उनकी कमाई पर 300 से 500 करोड़ रुपये तक का असर पड़ सकता है. RBI की कार्रवाई का असर आज शेयर मार्केट में भी दिखा, पेटीएम के शेयर 20 प्रतिशत तक गिर गए. डिजिटल पेमेंट्स के मामले में भारत, दुनिया में सबसे आगे है. पश्चिमी देश भी अब भारत के UPI सर्विस को इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं. 


पेटीएम भारत में डिजिटल पेमेंट की क्रांति का पोस्टर बॉय रहा है. RBI की कार्रवाई से साफ है कि पेटीएम अपनी बैंकिंग सर्विसेज में कुछ तो ऐसी ढिलाई बरत रहा था, जिसकी वजह से सख्त एक्शन लेना पड़ा.