नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) एक्शन में आ गई है और लगातार कड़े कदम उठा रही है. हिंसा के बाद पुलिस ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर सुरक्षा बढ़ा दी है. बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था.


किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) का अपडेट..


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- ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 25 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने आने वाले 40 में 30 किसान नेताओं के नाम शामिल हैं. समयपुर बादली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के छह प्रवक्ताओं सहित 37 किसान नेताओं के नाम हैं, इनमें जगजीत सिंह दलेवाल, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल सिंह, राकेश टिकैत, कुलवंत सिंह संधू और योगेंद्र यादव शामिल हैं. इसके अलावा एफआईआर में बूटा सिंह बुर्जगिल, निर्भय सिंह धुडिके, रुलदू सिंह मनसा और इंद्रजीत सिंह के नाम भी शामिल हैं. एक अन्य केस में पंजाबी फिल्म अभिनेता दीप सिद्धू और गैंगस्टर से नेता बने लखबीर सिंह सदाना उर्फ ​लक्खा सदाना के नाम हैं.


- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सिविल लाइंस स्थित ट्रॉमा सेंटर और तीरथ राम हॉस्पिटल में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की. बता दें कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे.


- पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार विधान सभा के विशेष सत्र के दौरान आज (गुरुवार) नए कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी. बंगाल सरकार विपक्षी कांग्रेस और वाम मोर्चा को भी इस मुद्दे पर साथ लाना चाहती थी, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि समिति की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई है. वहीं बीजेपी ने कहा कि वह इस प्रस्ताव का विरोध करेगी. (इनपुट- पूजा मेहता)


- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अब तक दिल्ली पुलिस और IB के अधिकारिओं के साथ कई राउंड की बैठक कर चुके हैं और पूरे मामले पर नज़र रखे हुए हैं. उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. (इनपुट- मनीष शुक्ला)


- दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सुरक्षा को देखते हुए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर चल रहे प्रदर्शन स्थल पर गाड़ियों के जाने से रोक लगा दी है. इसके साथ ही पुलिस ने लंगर की गाड़ियों पर भी पाबंदी लगा दी है. अब धरना स्थल तक मीडिया और पुलिस के अलावा कोई भी गाड़ी नहीं जा सकती है.


- पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर सफाई दी और कहा कि उनको जानबूझ कर निशाने पर लिया जा रहा है. बता दें कि दीप सिद्धू पर किसान संगठनों का आरोप है कि उन्होंने लोगों को भड़काकर लाल किले तक जाने के लिए उकसाया.



गाजीपुर बॉर्डर पर काटी गई बिजली


इससे पहले पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर बिजली काट दी गई थी. इसके साथ ही पूरे इलाके में पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई है. इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता गौरव टिकैत ने कहा, 'लाठी-बंदूक के दम पर आंदोलन को दबा नहीं सकते हैं. यह निवेदन है कि जिन लोगों ने कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की उनपर कार्रवाई की जाए और जिन लोगों ने लाल क़िले पर झंडा फहराया उसे पकड़ा जाए. आंदोलन खत्म नहीं कर सकते. यहां की लाइट तुरंत शुरू की जाए.'


कमजोर पड़ा किसानों का आंदोलन


गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ने लगा है और दो किसान संगठन ने आंदोलन खत्म करने का फैसला किया है. हिंसा से नाराज राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने गाजीपुर और नोएडा बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन को वापस ले लिया है.


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लक्खा सदाना-दीप सिद्धू पर केस दर्ज


हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गैंगस्टर से एक्टिविस्ट बने लक्खा सदाना (Lakha Sidhana) और पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. दिल्ली के आईटीओ और लाल क़िला (Lal Quila) में हुई हिंसा में दीप सिद्धू और लक्खा सदाना का सबसे अहम रोल है. किसान आंदोलन (Farmers Protest) के दौरान दोनों काफी एक्टिव थे, हालांकि बाद में किसानों के कुछ धड़ों ने दीप सिद्दू को प्रदर्शन से हटाया भी था.  सूत्रों के मुताबिक दोनों किसान प्रदर्शन से कुछ दिन के लिए गायब हुए थे.


सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ देशद्रोह का मामला


दिल्ली पुलिस (Delhi Police) सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने सिख फॉर जस्टिस संगठन के खिलाफ UAPA और देशद्रोह की धाराओं में एफआईआर (FIR) दर्ज की है. बता दें कि भारत सरकार सिख फॉर जस्टिस को बैन कर चुकी है. किसान आंदोलन के दौरान सिख फॉर जस्टिस ने लाल किले पर झंडा फहराने का ऐलान किया था और झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी.


किसानों ने लाल क़िले की प्राचीर पर फहराया था धार्मिक झंडा


बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. लाल क़िले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर के अलावा कई स्थानों पर तोड़फोड़ की. पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल क़िला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.