Republic Day: गणतंत्र दिवस (Republic Day) का पर्व हर साल की तरह इस वर्ष भी 26 जनवरी को बड़ी धूमधाम के साथ सभी जगहों पर मनाया जाएगा. इस वर्ष हम 74वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं. इसको लेकर स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न संस्थानों में जोर-शोर के साथ तैयारियां चल रही हैं. ऐसे में ध्यान रहे कि हम कोई ऐसी गलती ना कर दें कि मुसीबत में आ जाएं. इसलिए वह लोग ज्यादा सतर्क रहें जो अपने वाहनों में तिरंगा झंडा लगाकर चलते हैं. यह गलती उनको मुसीबत में डाल सकती है. झंडा लगाना वाहनों में कितना सही और कितना गलत है आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं.


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वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाना अनादर


एक बात ध्यान रखें कि वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाना उसका अनादर करना होता है. यह राष्ट्रीय ध्वज सब गाड़ियों में नहीं लग सकता है. गाड़ी के हेड पर, आगे की तरफ या पीछे की तरफ लगाना राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना गया है. ऐसे लोगों पर कार्यवाही होना निश्चित है.


3 साल की हो सकती है सजा


जिस किसी ने भी राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया उसे 3 साल की सजा या फिर जुर्माना हो सकता है या फिर दोनों ही चीज उस पर लग सकती हैं. झंडे की लंबाई और चौड़ाई दिए गए साइज के मुताबिक ही होनी चाहिए. इसलिए हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज का पूरा सम्मान करते हुए हर चीज को ध्यान में रखना चाहिए.


केवल इन वाहनों पर लगते हैं राष्ट्रीय ध्वज


राष्ट्रीय ध्वज हर आम गाड़ियों पर नहीं लगता है. यह ध्वज लगाने की अनुमति संविधान द्वारा कुछ ही लोगों को दी गई है. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, केंद्रीय राज्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, विदेशों में नियुक्त भारतीय दूतावासों के कार्यालय के अध्यक्ष जैसे लोगों के वाहनों में लगाए जाते हैं.


इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, राज्य विधान परिषद के सभापति, राज्य और संघ शासित क्षेत्रों के विधानसभाओं के अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायाधीश और राष्ट्रपति के देश में विमान यात्रा के दौरान उनके प्लेन में राष्ट्रीय ध्वज को लगाया जा सकता है. इनके अलावा किसी को भी गाड़ी में राष्ट्रीय ध्वज लगाने की अनुमति नहीं होती है.


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