नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) और कई पत्रकारों पर दिल्ली के आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. इस सभी पर गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड से जुड़ी गलत जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप है. इससे पहले इन सभी के खिलाफ नोएडा में भी एक केस दर्ज किया गया था. बता दें कि ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों का प्रदर्शन हिंसक हो गया था.


शशि थरूर पर लगे हैं ये आरोप


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शशि थरूर (Shashi Tharoor) के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. शिकायत में शशि थरूर के अलावा पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, परेशनाथ, अनंतनाथ और विनोद के जोस के नाम शामिल हैं. सभी पर सामाजिक वैमनस्य फैलाने के भी आरोप लगाए गए हैं.


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इन धाराओं के तहत केस दर्ज


दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के अनुसार, इन पर देशद्रोह समेत आपराधिक षडयंत्र और शत्रुता को बढ़ावा देने सहित आईपीसी के तहत कई आरोप लगाए गए हैं. पुलिस ने सभी के खिलाफ धारा-153, 504, 505 तथा 120 की उप-धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस अब मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है और कांग्रेस नेता समेत अन्य लोगों से पूछताछ कर सकती है.


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किसने दर्ज कराई शिकायत


पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शशि थरूर (Shashi Tharoor) और पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली के माता-सुंदरी रोड के रहने वाले चिरंजीव ने आईपी एस्टेट थाने में एक शिकायत दी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर हादसे में एक किसान की मौत के बाद इन सभी लोगों ने गलत ट्वीट कर लिखा कि पुलिस की गोली से किसान मर गया. शिकायतकर्ता का कहना है कि इनके गलत ट्वीट की वजह से उस दिन दंगा भड़का.


प्रदर्शनकारियों ने लाल क़िले पर फहरा दिया था धार्मिक झंडा


बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. लाल क़िले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर के अलावा कई स्थानों पर तोड़फोड़ की. पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल क़िला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी दिल्ली के आईटीओ समेत कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.


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