Jaipur News: तीर्थराज प्रयागराज में होगा कलयुग का सबसे बड़ा महायज्ञ, तीन करोड़ आहुतियां होंगी अर्पित
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Jaipur News: तीर्थराज प्रयागराज में होगा कलयुग का सबसे बड़ा महायज्ञ, तीन करोड़ आहुतियां होंगी अर्पित

Jaipur News: 144 साल बाद तीर्थराज प्रयागराज में हो रहे पूर्ण महाकुंभ में कलयुग का सबसे बड़ा महायज्ञ आयोजित किया जाएगा. इस महायज्ञ में तीन करोड़ से अधिक आहुतियां अर्पित की जाएंगी. 

Jaipur News: तीर्थराज प्रयागराज में होगा कलयुग का सबसे बड़ा महायज्ञ, तीन करोड़ आहुतियां होंगी अर्पित

Jaipur News: 144 साल बाद तीर्थराज प्रयागराज में हो रहे पूर्ण महाकुंभ में कलयुग का सबसे बड़ा महायज्ञ आयोजित किया जाएगा. इस महायज्ञ में तीन करोड़ से अधिक आहुतियां अर्पित की जाएंगी. यह दिव्य आयोजन 13 जनवरी से 12 फरवरी तक चलेगा. 100 कुंडीय द्वादश पुरुषचरनात्मक होमआत्मक, गायत्री स्मारत महायज्ञ में प्रतिदिन 451 वैदिक ब्राह्मणों की उपस्थिति में आहुतियां दी जाएंगी.

इस आयोजन का नेतृत्व अखिल भारत वर्षीय धर्म संघ और वैदिक कायाकल्प संस्थान कर रहे हैं. वैदिक कायाकल्प संस्थान के सचिव सुमित गुप्ता ने बताया कि इस महायज्ञ के अंतर्गत राजराजेश्वरी महायज्ञ कोटी अर्चन, अष्टादस पुराण पारायण महायज्ञ और चतुर्वेद पारायण महायज्ञ भी शामिल होंगे. इसके अलावा माघी कथा, श्रीमद्भागवत कथा और अन्य दिव्य अनुष्ठानों का आयोजन 14 जनवरी से 12 फरवरी तक किया जाएगा.

वैदिक कायाकल्प संस्थान

सुमित गुप्ता ने बताया कि इस महायज्ञ के लिए अनुष्ठान सामग्री जयपुर सहित अन्य स्थानों से मंगाई जाएगी. आयोजन को सफल बनाने के लिए समाजसेवियों का विशेष योगदान रहेगा. हाल ही में जयपुर के भट्ठारक जी की नसिया में सर्व समाज के पदाधिकारियों ने बैठक कर महायज्ञ का पोस्टर विमोचन किया.

वैदिक कायाकल्प संस्थान

सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी ने सृष्टि का प्रथम यज्ञ प्रयागराज में ही किया था. इस अद्भुत वैदिक आयोजन के माध्यम से कुंडली दोषों से मुक्ति, नकारात्मकता का नाश और मानव शरीर को योगी, निरोगी एवं मानवता के लिए उपयोगी बनाने का प्रयास किया जाएगा. स्वामी करपात्री फाउंडेशन के बाबा भक्ति प्रकाश (निरोगी बाबा) ने कहा कि यह महायज्ञ द्वापर युग के बाद कलयुग का सबसे बड़ा आयोजन होगा.

स्वामी करपात्री फाउंडेशन

उन्होंने बताया कि यह यज्ञ वैदिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार का माध्यम बनेगा. प्रयागराज तीर्थ में एक आहुति भी हजारों यज्ञों के पुण्य के बराबर मानी जाती है. आयोजन के लिए 1 करोड़ 25 लाख सदस्यों का निशुल्क ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है. आयोजकों का दावा है कि यह यज्ञ मानवीय और आध्यात्मिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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