झारखंड में रामनवमी के जुलूस (Ram Navami Procession) पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं और जानना चाहा कि क्या झारखंड में तालिबानी राज है? मंगलवार को झारखंड विधानसभा में रामनवमी के जुलूस को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के मुद्दे पर जमकर बवाल हुआ. भारतीय जनता पार्टी के विधायक मनीष जायसवाल ने राज्य सरकार से जुलूस में डीजे बजाने की अनुमति मांगी.


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झारखंड के हजारीबाग में रामनवमी के जुलूस के लिए डीजे की मांग करने वाले बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल इतने आक्रोशित हो गए कि विधानसभा के अंदर गुस्से में अपना कुर्ता तक फाड़ डाला. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन वाली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हजारीबाग में 104 साल पुरानी रामनवमी के जुलूस की परंपरा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. ये सब जानबूझकर किया जा रहा है.


जायसवाल ने आरोप लगाया कि इस मामले में इस मामले में निर्दोष लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि अपनी परंपरा को बचाने के लिए उनके निर्वाचन क्षेत्र हजारीबाग में लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं. इन लोगों की मांग है कि जुलूस के दौरान डीजे बजाने की इजाजत मिले. जायसवाल ने पूछा कि इन प्रतिबंधों से सरकार क्या दर्शाना चाहती है, क्या यहां पर तालिबान का राज चल रहा है?


इधर सरकार की तरफ से राज्य में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि हजारीबाग में डीजे बजाने के लिए अनशन करने वाले सभी लोग भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी डेसिबल लिमिट को राज्य में लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. यहां सभी धर्मों का आदर और सम्मान है फिर चाहे वो हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई हो. ठाकुर ने बीजेपी के आरोपों के जवाब में कहा कि हम ही राम के असली भक्त हैं.


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