Kolkata Rape Case News: कोलकाता रेप-मर्डर केस को 20 दिन हो चुके हैं. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. मुख्य आरोपी संजय रॉय को लेकर एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच दो नए ऑडियो क्लिप वायरल हो रहे हैं, जिससे साफ पता चलता है कि किस तरह आरजी कर मेडिकल अस्पताल के अधिकारियों ने महिला डॉक्टर के माता-पिता को गुमराह करने की कोशिश की. 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप किया गया था और बाद में हत्या कर दी गई थी.  अस्पताल प्रशासन की ओर से किए गए फोन कॉल की तीन कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग को गुरुवार को सार्वजनिक कर दी गईं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके बाद महिला डॉक्टर के माता-पिता को बुरी खबर देने में संस्थान के प्रबंधन की 'असंवेदनशीलता' और 'गलत सूचना' को लेकर एक नया विवाद छिड़ गया है. उन फोन कॉल में अधिकारी की तरफ से पीड़िता की स्थिति के बारे में दिए गए बयानों में आए बदलाव से यह सवाल उठता है कि क्या अस्पताल शुरू में इस जघन्य अपराध को छुपाने की कोशिश कर रहा था. कॉल करने वाली महिला ने खुद को अस्पताल की सहायक अधीक्षक बताया और उसने कथित तौर पर उसी नंबर से पीड़िता के माता-पिता को करीब 30 मिनट के भीतर तीन बार फोन किया और उनसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने के लिए कहा.


मां-बाप को अस्पताल ने की गुमराह करने की कोशिश


इस मामले में जो पहली क्लिप सामने आई है, उसमें पीड़िता के पिता और आरजी कर अस्पताल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट के बीच बातचीत है. सुबह करीब 10.53 बजे पीड़िता के पिता ने जब पहली बार फोन उठाया तो अस्पताल की ओर से फोन करने वाली महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'मैं आरजी कर अस्पताल से बोल रही हूं. क्या आप तुरंत आ सकते हैं? इस पर पीड़िता के पिता ने कहा, 'क्यों? क्या हुआ है?


इस पर कॉल करने वाली महिला ने कहा, 'आपकी बेटी थोड़ी बीमार हो गई है. हम उसे अस्पताल में भर्ती करा रहे हैं. क्या आप जल्दी से अस्पताल आ सकते हैं?' जब माता-पिता ने अधिक जानकारी देने पर जोर दिया तो फोन करने वाली महिला को यह कहते हुए सुना गया, 'यह जानकारी केवल डॉक्टर ही दे सकते हैं. हम केवल आपका नंबर ढूंढ पाए और आपको कॉल कर पाए. कृपया जल्दी से अस्पताल आ जाएं. मरीज बीमार होने के बाद भर्ती हो गया है. बाकी जानकारी डॉक्टर आपके आने के बाद बताएंगे.' 


'उसकी हालत बहुत गंभीर है, जल्दी आइए'


पीड़िता की चिंतित मां को फोन पर यह पूछते हुए सुना जा सकता है, 'क्या उसे बुखार है?' इस पर कॉल करने वाली महिला ने कहा, 'जल्दी से आ जाइए.' पिता ने पूछा, 'क्या उसकी हालत बहुत ही गंभीर है?' इस पर कॉल करने वाली महिला ने कहा, 'हां, उसकी हालत बहुत ही गंभीर है. आप जल्द से जल्द आ जाइए.' यह बातचीत एक मिनट 11 सेकंड तक चली.


पीड़िता के माता-पिता को दूसरा फोन कॉल, जो लगभग 46 सेकंड तक चला, लगभग पांच मिनट बाद आया. यह उसी महिला की ओर से था और उसे यह कहते हुए सुना गया, 'उसकी हालत बहुत गंभीर है. कृपया जल्द से जल्द आएं.' पिता ने हताश होकर पूछा कि उनकी बेटी के साथ क्या हुआ, तो दूसरी तरफ से आवाज आई, 'यह तो डॉक्टर ही बता सकते हैं. आप कृपया आ जाइए.' जब पिता ने उससे उसकी पहचान बताने को कहा तो फोन करने वाली महिला ने कहा, 'मैं सहायक अधीक्षक हूं. मैं डॉक्टर नहीं हूं. हम आपकी बेटी को आपातकालीन वार्ड में लेकर आए हैं. आप कृपया आकर हमसे संपर्क करें.' 


'उसे क्या हो सकता है, वो तो ड्यूटी पर थी'


इस दौरान एक घबराई हुई मां की आवाज सुनी जा सकती है, 'लेकिन उसे क्या हो सकता है? वह तो ड्यूटी पर थी.' इस पर जवाब आया, 'आप अस्पताल आ जाइए, जितना जल्दी हो सके'. तीसरी और आखिरी कॉल में पीड़िता की मृत्यु की घोषणा की गई, हालांकि इसमें थोड़ा बदलाव किया गया. अस्पताल की ओर से कॉल करने वाली महिला ने पीड़िता के माता-पिता से कहा, 'हां, कृपया सुनिए... हम आपको पहले भी बार-बार बता रहे थे... आपकी बेटी... शायद... आत्महत्या कर चुकी है... या, उसकी मृत्यु हो चुकी है. पुलिस यहां मौजूद है. अस्पताल से हम सभी यहां हैं. हम आपको जल्दी से अस्पताल आने के लिए कह रहे हैं.' यह अंतिम कॉल 28 सेकंड तक चली.


हालांकि जी न्यूज इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता. लेकिन डॉक्टर्स के पैरेंट्स के उस बयान से यह क्लिप मेल खाती है, जिसमें उन्होंने खुद कहा था कि अस्पताल प्रशासन ने उनसे कहा था कि बेटी ने खुदकुशी कर ली है. अस्पताल पहुंचने पर उनको तीन घंटे तक इंतजार कराया गया. बेटी का शव तक देखने नहीं दिया.


जानकारी के मुताबिक, अस्पताल में अनिता धारा असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट हैं और उनकी आवाज ऑडियो क्लिप में सुनी जा सकती है. हालांकि, चेस्ट मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख ने पुलिस और सीबीआई को बताया था कि यह कॉल द्वैपायन बिस्वास ने की थी, जो उप अधीक्षक हैं. 


पुलिस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस


आरजी कर रेपकांड को लेकर गुरुवार को कोलकाता पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. डिप्टी कमिश्नर इंदिरा मुखर्जी ने कहा, 'आज हमने देखा कि सोशल मीडिया और कुछ टेलीविजन चैनलों पर कुछ वीडियो क्लिप वायरल हैं, जिनमें चर्चा है कि शायद शरीर को ढकने के लिए इस्तेमाल की गई चादर का रंग पहले बताए गए रंग से अलग था. हमारा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी सेशन उस विशेष दिन दोपहर लगभग 12:25 बजे शुरू हुआ और फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी कई चरणों में की गई. न केवल जब्ती प्रक्रिया के दौरान बल्कि पूछताछ के दौरान और साथ ही जब फॉरेंसिक टीम आई. मैं साफ तौर पर कह सकती हूं कि शरीर को ढकने के लिए इस्तेमाल की गई चादर का रंग नीला था. हमने सुना है कि यह दावा किया गया है कि रंग हरा या कोई और रंग हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है. हमारे पास जो भी डेटा था, उसे  सीबीआई को सौंप दिया गया है और वही रिकॉर्ड उनके पास हैं और आप इसे एजेंसी से भी क्रॉस-चेक करवा सकते हैं.'