RJD MLA Fateh Bahadur Singh Statement on Ram Mandir Ayodhya: बिहार की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है. लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में राज्य सहित देश की सियासत में कई उथल-पुथल देखने को मिल रही है. नेताओं के एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी कड़ी में राजद नेताओं ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है.


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'मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी'


राजद नेताओं ने आरजेडी नेता और राज्य की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के बाहर एक बड़ा बैनर लगाया है. उस बैनर पर आरजेडी नेताओं ने भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फूले के जरिए भाजपा पर हमला बोला है. बैनर पर लिखा गया है कि मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी और स्कूल का मतलब प्रकाश का मार्ग है.


इस बैनर में एक ओर आरजेडी विधायक फतेह बहादुर की तस्वीर लगी है. दूसरी ओर लिखा है, मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग. जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं जब स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान,  वैज्ञानिकता और प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं. अब तय करना है कि आपको किस ओर जाना चाहिए.


राजनीतिक पारा हो सकता है हाई


ये लाइन सावित्रीबाई फुले की है. इसमें तमाम बड़े नेताओं की तस्वीर है. राजद सुप्रीमो लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव की तस्वीर हैं. एक ओर तो 3 जनवरी को सावित्री बाई फूले की जयंती है. जिसके लिए राजद कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाई गई है. वहीं दूसरी तरफ 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का उद्धाटन होना है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरो से चल रही है. वहीं राजद के द्वारा पोस्टर के माध्यम से मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग बताना कहीं ना कहीं देश की सियासत का पारा हाई कर सकती है.


आरजेडी की इस हरकत पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. पार्टी के सांसद और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने आपत्ति जताते हुए कहा, ये वही फतेहबहादुर हैं, जो पहले भी हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करते रहे हैं. ये इंडिया गठबंधन के लोग लगातार सनातन का अपमान कर रहे हैं.


आरजेडी पर भड़की जेडीयू


उधर इस मुद्दे पर जेडीयू और आरजेडी में खटास आती दिखाई दे रही है. लालू- राबड़ी के आवास के बाहर लगे बैनर पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू ने आरजेडी विधायक को कायर बहादुर सिंह कहा है. जेडीयू ने कहा कि हिंदू धर्म पर टिप्पणी करने वाले को सनातन से जुड़े किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए. 


जेडीयू के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने विधायक को नाम बदलने को कहा. उन्होंने कहा की यह कायर बहादुर सिंह हैं, जिनका इलाज जनता कर देगी. नीरज कुमार ने नसीहत देते हुए कहा कि फतेह बहादुर सिंह को अपने घर के सामने पोस्टर लगवा देना चाहिए कि हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग उनके यहां ना आएं. वह वोट तो सभी धर्म सभी जातियों का लेते हैं लेकिन बाद में इस तरीके का वह बयान भी देते हैं.


आरजेडी ने दी सफाई


इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी फतेह बहादुर सिंह की आलोचना की है. पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि यह देश साधु संतों का है, मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों का देश है. इसके बावजूद फतेह बहादुर सिंह अपने देश को नहीं समझ पा रहे तो उन्हें कुछ दिनों के लिए विवेचना केंद्र में जाकर अध्ययन करना चाहिए .


पार्टी के विधायक की इस हरकत पर राष्ट्रीय जनता दल ने भी किनारा कर लिया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के नेता और तेजस्वी यादव संविधान को मानते हैं और सभी जाति धर्म का सम्मान करते हैं.


'हम धर्म को दिल में रखते हैं'


RJD सांसद मनोज झा ने भी इस बैनर पर पार्टी की ओर से सफाई दी है. मनोज झा ने कहा कि बीते 1 हफ्ते से पूरे देश में सिर्फ महागठबंधन की सरकार गिराई जा रही थी. सब पर विराम लगाया सीएम और तेजस्वी जी ने लेकिन आज सुबह से हमारे विधायक के संदर्भ में खबरें चल रही है. हर जाति के प्रति सम्मान राजद करती रही है. सावित्री बाई फुले ने जो मंदिर के संदर्भ में कहा उनके विचारों को लेकर हमारे विधायक ने कहा.


मनोज झा ने दावा किया, 'उस बयान को मंदिर से जोड़ा गया, हम धर्म को दिल में रखते हैं. हमारे हे राम वाले लोग है, वंचित शोषित से आने वाले हमारे विधायक ने कहा. इसे दूसरे मुद्दों से न जोड़ा जाए. जेडीयू के एमएलसी नीरज जी हमारी बात सुनेंगे. एक दल के रूप में फतेह बहादुर की हर बात का समर्थन हम नहीं करते हैं.' 


'मानसिक शुद्धिकरण की जरूरत'


बीजेपी ने राष्ट्रीय जनता दल को मानसिक गुलामी का शिकार बताया है. पार्टी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि उन्हें सनातन संस्कृति पर विश्वास नहीं है. फतेह बहादुर जैसे लोगों को मानसिक शुद्धिकरण की जरूरत है. राष्ट्रीय जनता दल महापुरुषों का अपमान करने से पीछे नहीं हटती है.