नई दिल्ली: गर्मियों में आप रेल यात्रा कर रहे है और अगर आपने दलाल के जरिये टिकट बुक की थी तो कृपया अपनी टिकट चेक कर लीजिए क्योंकि रेलवे ने देश भर मे दलालों के खिलाफ जो अभियान चलाया है उसके चलते 50 हजार से ज्यादा यात्रियों की टिकट रद्द कर दी गई है. ये वो टिकटें है, जो दलालो के जरिये ली गई थी. रेल टिकट के दलालों की धरपकड़ के लिए रेलवे सुरक्षा बल ने बड़ा अभियान चलाया है. इसके तहत आरपीएफ ने 13 जून को ऑपरेशन थंडर चलाया. इसमें पूरे देश में 276 जगहों पर छापे मारे हैं और 387 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया है. 


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डीजी आरपीएफ अरुण कुमार के मुताबिक, गर्मी की छुट्टियों और शादियों की वजह से ये पीक सीजन है. आरपीएफ को खबर मिली थी कि टिकट ब्लैक करने वाले एक्टिव हो गए हैं. उसके बाद आरपीएफ ने कई टीम बनाई और पूरे देश में ऑपरेशन थंडर नाम से 13 जून को छापा मारने का प्लान बनाया. 13 जून यानी गुरुवार को छापे में आरपीएफ ने 141 शहरों में 276 जगहों पर छापे मारे. इस छापे में 22253 टिकटें बरामद हुई. जिनकी कीमत 32,99,093 रुपये थी. जांच में पाया गया कि इन दलालों ने पिछले 10 दिन में 3 करोड़ 12 लाख से ज्यादा का टिकट बुक किया था. ऑपरेशन थंडर में आरपीएफ ने 387 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया है.


इस अभियान में सबसे ज्यादा 49 केस पूर्वी रेलवे के कोलकाता में दर्ज़ किया गया है. उसके बाद साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के बिलासपुर में 41 केस दर्ज हुए हैं.​ इस छापे में पाया कि राजस्थान के कोटा में कुछ सॉफ्टवेयर तत्काल टिकट को हैक कर रहे थे. इससे रेलवे के ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम को हैक करके तत्काल की टिकटें बुक करा ली जाती थी. आरपीएफ ने जब्त किए गए सारे टिकटों को कैंसिल करने को कहा है ताकि बाद में इसका मिसयूज न हो.


आरपीएफ ने पाया है कि कुछ लोग टिकट के साथ ही फर्ज़ी आई-कार्ड बनाने का खेल भी कर रहे थे. आरपीएफ की तरफ से कोशिश की जा रही है कि जो दलाल पकड़े गए हैं उनके पुराने केस का भी जिक्र कर मजिस्ट्रेट से ज़्यादा से ज़्यादा सज़ा दिलाई जा सके. दरअसल, रेलवे टिकटों की दलाली एक ज़मानती अपराध है और इसमें ज़ुर्माना भी काफी कम लगता है. इसलिए आरपीएफ ने इंडियन रेलवे एक्ट को और सख़्त बनाने के लिए भी पहल कर रखी है. इस कानून को संसद में पारित कर सख़्त बनाया जाना है.