अगरतला/नई दिल्ली:  केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत आठ पूर्वोत्तर राज्यों में 1,400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है. यह जानकारी त्रिपुरा की सांसद प्रतिमा भौमिक ने मंगलवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्रलाद सिंह पटेल के हवाले से दी. सोमवार को लोकसभा में भौमिक द्वारा एक सवाल का जवाब देते हुए, पर्यटन मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं.


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पटेल ने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना, जोकि थीम पर आधारित पर्यटन सर्किट के विकास को बढ़ावा देती है, उसके तहत पिछले पांच वर्षो में कुल 16 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि 1,400 करोड़ रुपये में से 896 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं. अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के लिए दो-दो परियोजनाएं शामिल हैं.


परियोजनाओं में असम में तेजपुर-माजुली-सिबसागर की विरासतों का विकास, असम में वन्यजीव पर्यटन (मानस-प्रोबिटरा-नामेरी-काजीरंगा-डिब्रू-साइकोवा का विकास), मिजोरम में इको-पर्यटन (आइजॉल-रावपुइछिप-खावप्रवप-लेंगपुई का विकास) शामिल हैं. इसके अलावा नागालैंड में डर्टलैंग-चटलांग-सकरावुमटुआइट्लंग-मुथे-बरटलॉन्ग-तुअरियल), आदिवासी मामले (दो परियोजनाएं) नागालैंड में (मोकचंग-तुएनसांग-मोन और पेरेन-कोहिमा-वोखा का विकास) और मणिपुर में आध्यात्मिक पर्यटन गोविंदजी मंदिर, बिजय गोविंद मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, बंगशिवोडन मंदिर और केना मंदिर शामिल हैं).


पटेल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड व सिक्किम को आंशिक रूप से संरक्षित क्षेत्र और आंशिक रूप से प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया है.


पटेल ने यह भी कहा कि अगर क्षेत्र के टूर ऑपरेटर व ट्रैवल एजेंट अपनी एजेंसियों की मान्यता एवं नवीनीकरण के लिए आवेदन करते हैं तो उनके मंत्रालय की ओर से उन्हें पेड-अप कैपिटल, शैक्षणिक योग्यता और विदेशी मुद्रा टर्नओवर के रूप में छूट प्रदान की गई है.


गौरतलब है कि पर्यटन मंत्रालय हर साल पूर्वोत्तर राज्यों में से एक राज्य में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा मार्ट (आईटीएम) का आयोजन करता है, ताकि उन्हें वैश्विक स्तर पर राज्य अपने आप को प्रदर्शित कर सके. आईटीएम का सातवां संस्करण नवंबर 2018 में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में आयोजित किया गया था.


हर साल लाखों विदेशी और घरेलू पर्यटक पूर्वोत्तर की यात्रा करते हैं, जो अपनी हरियाली, वन्य जीवन, विरासत स्थलों, पर्यावरण के अनुकूल वातावरण के अलावा समृद्ध परंपराओं और संस्कृति के लिए जाना जाता है.


एक अलग आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए मंत्रालय ने "होमस्टे" की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए भी एक अलग योजना बनाई है.


उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास (डेवलपमेंट ऑफ नॉर्थ ईस्टर्न रीजन) मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "सिक्किम और मेघालय में होमस्टे योजना सफल रही. इस तरह का विशेष और व्यक्तिगत ²ष्टिकोण न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय युवाओं और परिवारों के लिए आजीविका के नए रास्ते भी बनाता है."