Mohan Bhagwat and Yogi Adityanath News: सीएम योगी आज सिर्फ कुर्बानी और नमाज पर दिए निर्देश की वजह से ही चर्चा में नहीं हैं..चर्चा तो इस बात की भी है कि कल संघ प्रमुख मोहन भागवत से उनकी मुलाकात कैसी रहने वाली है? योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत गोरखपुर में कल मिलेंगे. यानी चुनाव परिणाम आने के 11 दिन बाद. अब तक यही कहा जा रहा है कि यूपी में बीजेपी की हार की एक बड़ी वजह संघ की नाराजगी भी रही है. तो क्या-क्या हो सकता है इस मुलाकात में. 


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शनिवार को सीएम योगी से मिलेंगे मोहन भागवत


पिछले तीन दिनों से संघ प्रमुख मोहन भागवत गोरखपुर में हैं. गोरखपुर यानी योगी आदित्यनाथ का शहर. जहां इन दिनों संघ का शिविर लगा है और भागवत संघ के कार्यकर्ताओं को लगातार हिंदुत्व का मंत्र दे रहे हैं. लेकिन जब सामने योगी होंगे तो हो सकता है बात कुछ राजनीतिक हो जाए. कुछ ऐसा, जिसका संकेत संघ प्रमुख ने 4 दिन पहले दिया था.


बीजेपी की हार पर होगा मंथन


शनिवार को जब मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ की मुलाकात होगी तो भी क्या ऐसे ही सवाल होंगे. जैसे कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हार क्यों मिली? लोकसभा चुनाव में बीजेपी कैसे पिछड़ गई? राम मंदिर निर्माण के बाद भी कमल और ज्यादा खिलने के बजाय मुर्झा क्यों गया? आखिर ऐसा क्या हुआ कि 2019 में यूपी की 64 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2024 में 33 सीटों पर कैसे सिमट गई? 


आरएसएस बार- बार दे रहा नाराजगी का संदेश
 
इन सवालों पर चर्चा की संभावना इसलिए ज्यादा है क्योंकि चुनाव परिणाम के बाद से ही ये कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की एक बड़ी वजह संघ की नाराजगी भी है. 4 दिन पहले संघ प्रमुख ने मणिपुर की अशांति का जिक्र किया था. ऐसा कहा गया कि ये मैसेज सीधे तौर पर मोदी सरकार के लिए था. अगर वाकई संघ बीजेपी के बड़े नेताओं से नाराज है तो क्या जब योगी आदित्यनाथ, भागवत से मिलकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे. क्या आरएसएस को मनाने के लिए बीजेपी ने योगी को आगे बढ़ाया है. क्या अगले चुनाव में योगी आदित्यनाथ को संघ का साथ मिलेगा. 


यूपी में हार पर तैयार करवाई जा रही रिपोर्ट


योगी हों या मोदी...लखनऊ से दिल्ली तक...इस समय बीजेपी का टॉप ऑर्डर ये पता लगाने में जुटा है कि यूपी में इंडिया गठबंधन ने धूल कैसे चटा दी. यूपी की हार पर बीजेपी तीन तरह की रिपोर्ट तैयार कर रही है. पहली रिपोर्ट- जो प्रत्याशी चुनाव हारे उनकी. दूसरी रिपोर्ट- बीजेपी की उस स्पेशल टीम की ओर से तैयार की जाएगी, जिन्हें अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र में कल से भेजा जा रहा है और तीसरी रिपोर्ट- मंडल स्तर पर तैयार करवाई जा रही है.


अवध क्षेत्र, कानपुर और बुंदेलखंड में बीजेपी के जितने उम्मीदवार चुनाव हारे, उन्होंने भी हार की वजह पर रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में ज्यादातर हारे हुए सांसद भीतरघात का आरोप लगा रहे हैं. संगठन में जिन पदाधिकारियों को चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी. उनसे अलग से बैठक की जा रही है. पूछा जा रहा है कि अगर भीतरघात जैसी कोई बात थी तो पहले क्यों नहीं बतााय गया. अब देखना होगा कि भागवत...योगी से क्या पूछते हैं? दोनों दिग्गजों के बीच की मुलाकात से क्या खबर निकलती है?


लेख में उठाए गए थे कई सवाल


भागवत से पहले आरएसएस मुखपत्र आर्गेनाइजर में लेख के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा था. लेख में संकेतों में कहा गया था कि अहंकार किसी का भी पतन कर सकता है. अति आत्मविश्वास से पाई आई चीज भी दूर हो जाती है. इस लेख को सीधे तौर पर बीजेपी पर तंज समझा गया था. इसके बाद जयपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने बयान देकर मामले को और गर्मा दिया.


इंद्रेश कुमार ने भी दिखाया था आइना


इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिन लोगों को राम को लाने पर घमंड था, प्रभु राम ने उन्हें 241 पर रोक दिया और जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के अस्तित्व पर ही यकीन नहीं था, वे इस बार फिर 100 के नीचे अटक गए. उन्होंने कहा कि इस नतीजे से प्रभु श्रीराम का संदेश साफ समझा जा सकता है. नास्तिकों के लिए संदेश है कि वे कभी आगे नहीं बढ़ सकते और अहंकारियों के लिए ये है कि घमंड उनके पतन का कारण बन जाएगा. ऐसे माहौल में योगी और भागवत की मुलाकात पहली बार आरएसएस और बीजेपी के बीच पनपे मनमुटाव को दूर करने का साधन मानी जा रही है. 


RSS ने बीजेपी से दूरी की खबरों को खारिज किया


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपने मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया और इसे 'भ्रम' पैदा करने की कोशिश करार दिया. संघ के सूत्रों ने इस बात को भी मानने से इनकार किया कि लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर सरसंघचालक मोहन भागवत की आलोचनात्मक टिप्पणियां सत्तारूढ़ पार्टी को निशाना बनाकर की गई थीं.


सूत्रों ने यह भी कहा कि आरएसएस और भाजपा सहित उसके सहयोगी संगठनों की तीन दिवसीय वार्षिक समन्वय बैठक केरल के पलक्कड़ जिले में 31 अगस्त से शुरू होगी. बैठक में भाजपा अध्यक्ष समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. आरएसएस सूत्रों ने कहा, "आरएसएस और भाजपा के बीच कोई दरार नहीं है."