नई दिल्ली : रूस 2035 तक भारत में कम-से-कम 12 परमाणु रिएक्टर लगाएगा और उसने यहां अत्याधुनिक हेलीकाप्टरों के विनिर्माण पर भी सहमति भी जतायी है। दोनों देशों ने गुरुवार को यहां कुल मिलाकर अपने रणनीतिक सहयोग को और गति देने के लिये तेल, गैस, रक्षा, निवेश और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए।


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने दोनों देशों की सालाना शिखर बैठक में दोनों देशों के निकट संबंधों को नये धरातल पर ले जाने का संकल्प किया। दोनों ने परमाणु उर्जा क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग का एक नया दृष्टिकोण तय किया। भारत के लिये रूस को ‘शक्ति का स्तंभ’ बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के लिए यद्यपि विकल्पों का दायारा बढा है, बवाजूद इसके भारत का रणनीतिक भागीदार रस देश का ‘सबसे महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी’ बना रहेगा, हालांकि विकल्प बढ़े हैं।


पुतिन के साथ करीब साढ़े तीन घंटे चली बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और मैंने विभिन्न नयी रक्षा परियोजनाओं के बारे में चर्चा की। हमने इस बात पर चर्चा की कि हम हमारे रक्षा संबंधों को ‘मेक इन इंडिया’ समेत भारत की अपनी प्राथमिकताओं के साथ कैसे जोड़ सकते है।