Indian Students: फरवरी में यूक्रेन (Ukraine) में युद्ध छिड़ने के बाद पहली बार रूस (Russia) ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीय छात्र (Indian students) रूस में अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं क्योंकि दोनों देशों में मेडिकल सिलेबस समान है.


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रूसी महावाणिज्यदूत ओलेग अवदीव ने चेन्नई में कहा, ‘यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीय छात्र रूस में अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं क्योंकि मेडिकल सिलेबस लगभग समान है (यूक्रेन की तरह ही). वे लोगों की भाषा जानते हैं, उनमें से अधिकांश रूसी बोलते हैं. उनका रू में स्वागत है. ’


फरवरी 2022 के अंत में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो हजारों भारतीय मेडिकल छात्र वहां फंस गए थे. बड़ी संख्या में स्डूटेंट्स को यूक्रेन से भारत लाया गया था. बता दें रूसी सेना ने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था.


'रूसी तेल में निर्यात 2 से 22 पीसी तक बढ़ गया है'
रूसी तेल निर्यात पर एक सवाल के जवाब में, रूसी राजनयिक ने कहा, ‘इस साल की शुरुआत से, रूसी तेल में निर्यात 2 से 22 पीसी तक बढ़ गया है. यह एक बहुत ही नाटकीय वृद्धि है और अब रूस ने इराक और सऊदी अरब को तेल के प्रमुख उत्पादकों के रूप में विस्थापित कर दिया है.‘


ओलेग अवदीव ने रूसी तेल आयात पर जयशंकर की टिप्पणी की भी सराहना की, जिसमें कहा गया था कि "भारत सरकार एक जिम्मेदार सरकार है और इसे भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की देखभाल करनी है."


'रूस में अधिक से अधिक छात्र छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर रहे हैं'
रूसी महावाणिज्य दूत ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे छात्र पढ़ाई के लिए रूस जाते रहते हैं और यह ट्रेंड बढ़ रहा है. रूसी राजनयिक ने कहा, "जहां तक छात्रों का सवाल है, छात्र पढ़ाई के लिए रूस जाते रहते हैं. रूस में अधिक से अधिक छात्र छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर रहे हैं."


बता दें हर साल, कई भारतीय छात्र चिकित्सा और अन्य विशिष्ट पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने के लिए यूक्रेन और रूस दोनों की यात्रा करते हैं.


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