नई दिल्लीः What is Human Metapneumovirus or HMPV? चीन में नए वायरस ने दस्तक दे दी है. रिपोर्ट्स में इसे कोरोना जैसा वायरस बताया जा रहा है, जिसका असर छोटे बच्चों पर ज्यादा हो रहा है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के लक्षण कोरोना की तरह बताए जा रहे हैं. जानिए इस वायरस के बारे में अब तक क्या-क्या जानकारियां सामने आई हैं?
चीन में फैल रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस क्या है?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी एचएमपीवी एक आरएनए वायरस है. ये न्यूमोविरिडे, मेटान्यूमोवायरस जीनस से संबंधित है. इसका पहली बार साल 2001 में श्वसन संक्रमण वाले बच्चों के नमूनों का अध्ययन करने वाले डच रिसर्चर्स ने पता लगाया था. अध्ययनों से पता चला है कि यह वायरस कम से कम छह दशकों से अस्तित्व में है. यह एक सामान्य श्वसन रोगजनक के रूप में पूरी दुनिया में फैल गया है.
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कैसे फैलता है?
एचएमपीवी मुख्य रूप से खांसने और छींकने से फैलता है. ये संक्रमित लोगों के साथ नजदीकी संपर्क और दूषित वातावरण के संपर्क में आने से भी फैल सकता है. इस वायरस से संक्रमति व्यक्ति के अंदर 3 से 5 दिनों में लक्षण दिखने लगते हैं. इससे प्रेरित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बार-बार संक्रमण को रोकने के लिए बहुत कमजोर है. चीन की सीडीसी वेबसाइट के मुताबिक, ये वायरस हर समय रहता है लेकिन सर्दियों और वसंत में इसके फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है.
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण क्या हैं?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एचएमपीवी की चपेट में आने वाले लोगों में सर्दी, खांसी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसके अलावा बुखार, नाक बंद होने और गले में खराश भी होती है. वायरस का असर ज्यादा होने पर निमोनिया औ ब्रोंकाइटिस का खतरा भी रहता है. Lung.org के अनुसार, गंभीर मामलों में डॉक्टर ब्रोंकोस्कोपी कर सकते हैं. इसमें फेफड़े में छोटा, लचीला कैमरा डाला जाता है और वायरस की जांच के लिए तरल पदार्थ का एक नमूना निकाला जाता है.
क्या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस जानलेवा है?
रिपोर्ट्स की मानें तो एचएमपीवी गंभीर मेडिकल कंडीशन से गुजर रहे लोगों की जान ले सकता है. साल 2021 में लैंसेट ग्लोबल हेल्थ के एक आर्टिकल में डेटा के हवाले से बताया गया कि एचएमपीवी पांच साल से कम उम्र के तीव्र निम्नतम श्वसन वाले 1 फीसदी बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार था.
क्या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की वैक्सीन बनी है?
अभी एचएमपीवी की कोई वैक्सीन नहीं बनी है. इसका उपचार आमतौर पर लक्षणों को कम करने तक ही सीमित है. Inkl.com के अनुसार, एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर दवा मदद कर सकती है. वहीं बंद नाक से राहत पाने के लिए डीकॉन्गेस्टेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इसी तरह सीओपीडी, अस्थमा और पल्मोनरी फाइब्रोसिस वाले लोगों में इसके गंभीर लक्षण हो सकते हैं इसलिए गले की घरघराहट और खांसी को कंट्रोल करने के लिए दवा की जरूरत हो सकती है.
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से कैसे बच सकते हैं?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, सीडीसी ने भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने, बार-बार हाथ धोने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचने सहित कई प्रोटोकॉल फॉलो करने की सलाह दी गई है. साथ ही सफाई रखने, इनडोर स्थानों में उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की भी सलाह दी है.
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