नई दिल्ली: नई दिल्ली: अगले हफ्ते से रूसी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) स्पुतनिक वी (Sputnik V) की बिक्री भारत में शुरू हो जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते इसकी जानकारी दी है. विभाग ने बताया कि जुलाई माह से स्पूतनिक वी का उत्पादन देश में शुरू हो जाएगा, जिससे अगले 5 महीने में हमें 2 बिलियन डोज मिल जाएंगी.


कोविशील्ड की 2 डोज के बीच बढ़ाया गया समय


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इसके साथ ही भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की दो डोज लगवाने के बीच के समयांतर को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की कोविड-19 कार्य समूह सफारिश को स्वीकार कर लिया है. हालांकि कोवैक्सीन (Covaxine) के पहले और दूसरे डोज लगने के बीच के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है.


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कोरोना से ठीक हुए मरीज 6 महीने तक न लगवाएं वैक्सीन


NTAGI ने यह भी कहा है कि जो लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं, उनमें अलगे 6 महीने तक के लिए एंटीबॉडी बनी रहती है जो कोरोना से उनका बचाव करती है. ऐसे सभी मरीजों को 6 महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए. वर्तमान में कोविशील्ड टीके की दो खुराकें चार से आठ हफ्ते के अंतराल पर दी जाती हैं. एनटीएजीआई के सुझाव टीकाकरण को देखने वाले कोविड संबंधी राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को भेजे जाएंगे.


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16 राज्यों में एक्टिव केस 50 हजार से भी कम


लव अग्रवाल ने बताया कि बिहार में एक्टिव केस एक लाख से नीचे आ गए हैं. 16 राज्य ऐसे हैं जहां एक्टिव केस 50 हजार से कम हैं. राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, यूपी, दिल्ली में अब नए केस कम आने शुरू हो गए हैं. देश में 24 राज्य शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां 15% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है. 5-15% पॉजिटिविटी रेट 8 राज्यों में है. 5% से कम पॉजिटिविटी रेट 4 राज्यों में है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में 12 राज्य ऐसे हैं जहां एक लाख से भी ज्यादा एक्टिव मामले हैं. 16 राज्य ऐसे हैं जहां 50,000 से भी कम एक्टिव मामलों की संख्या बनी हुई है.


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कोरोना वर्किंग ग्रुप में शामिल हैं ये सदस्य


कोविड-19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉक्टर एन. के. अरोड़ा आईएनसीएलईएन ट्रस्ट के निदेशक हैं. इसके सदस्यों में जेआईपीएमईआर के निदेशक और डीन डॉक्टर राकेश अग्रवाल, वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज से प्रोफेसर डॉक्टर गगनदीप कांग, वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर जे. पी. मुल्लीयाल, नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंट बायोटेक्नोलॉजी (आईसीजीईबी) के ग्रुप लीडर डॉक्टर नवीन खन्ना, नई दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्युनोलॉजी के निदेशक डॉक्टर अमूल्य पांडा और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉक्टर वी.जी. सोमानी शामिल हैं.


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