शिलांग: वायु सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि रूस से खरीदी जा रही एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा रखने वाले पड़ोसी देशों से भारत को जरूरी सुरक्षा मुहैया करेगी.  एस-400 ट्रायम्फ अगली पीढ़ी की वायु रक्षा प्रणाली है, जो 400 किमी की दूरी तक हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है. 


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पूर्वी वायु सेना कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, एयर मार्शल आर नांबियार ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि इस नयी प्रणाली से भारत को अपनी अखंडता की रक्षा करने में मजबूती मिलेगी.  उन्होंने बताया, ‘भारत को ये प्रणाली अगले 23 महीनों में मिल जाएगी.’ वह इसकी खरीद को लेकर रूस गए दल में शामिल थे.


'भारत के पड़ोसी देशों की क्षेत्रीय महत्त्वाकाक्षाएं हैं'
एयर मार्शल नांबियार ने कहा कि भारत के पड़ोसी देशों की क्षेत्रीय महत्त्वाकाक्षाएं हैं, ऐसे में उसे अपनी सीमाओं की सुरक्षा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा भारत खुद की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली बना रहा है. इस डीआरडीओ बना रहा है. 


उन्होंने यह भी कहा कि राफेल विमान चीन की चौथी और पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर हैं. 


गौरतलब है कि पांच अक्टूबर को नई दिल्ली के दौरे पर आए रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ भारत ने इस सौदे पर दस्तखत किया था. सौदे के मुताबिक भारत को पांच अरब अमेरिकी डॉलर में एस-400 के पांच रेजीमेंटल सेट प्राप्त होंगे. 


(इनपुट - भाषा)