S Jaishankar's Statement: हाल ही में इंडोनेशिया (Indonesia) के बाली (Bali) में आयोजित हुए जी20 समिट में तमाम वर्ल्ड लीडर इकट्ठा हुए थे. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी इस बैठक में भाग लिया था. इस दौरान उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से हुई थी और फिर दोनों ने हाथ मिलाया था. इस पर कुछ लोगों ने जब सवाल उठाए तो विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने जवाब दिया. एस. जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी चीन के मुद्दे पर ‘बहुत अडिग’ रहे हैं. उनको भारत-चीन बॉर्डर पर हमारी सेना की मजबूत तैनाती के आधार पर आंकना चाहिए.


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विपक्ष की आलोचना को किया खारिज


बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पीएम मोदी और शी जिनपिंग के हाथ मिलाने पर विपक्ष की आलोचना को खारिज कर दिया है. जयशंकर के मुताबिक, चीन के साथ लेन-देन में वास्तविकता ये है कि वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है. भारत का निकटतम पड़ोसी चीन है. लेकिन चीन के साथ हमारा इतिहास एक बहुत बड़े सीमा विवाद से भी जुड़ा रहा है.


जब डटे रहना हो तो डटे रहें


एस. जयशंकर ने एक सम्मेलन में कहा कि चीन का सामना करने का सही तरीका है कि जब डटे रहना हो तो डटे रहें. अगर आपको सैनिकों को बॉर्डर तक ले जाना है, तो वे जो करने का प्रयास कर रहे हैं, उससे निपटने के लिए हमें वह करना चाहिए. जिन मुद्दों पर वो हमारे हितों का सपोर्ट या उसे कमजोर नहीं करते, उसके बारे में जहां जरूरत हो, स्पष्ट रहें, सार्वजनिक हों.


भारत में लोगों को बोलने का हक


विदेश मंत्री ने कहा कि मैं इसके बारे में हर वक्त सार्वजनिक रूप से नहीं कहता, पर जहां कूटनीति की जरूरत होती है, वहां सार्वजनिक होना उपयोगी होता है. विपक्ष की आलोचन पर उन्होंने कहा कि भारत आजाद देश है. लोगों को बात कहने का हक है.


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