Congress crisis: कांग्रेस की पायलट को चेतावनी- अनशन पर बैठना पार्टी विरोधी काम, अगर धरना किया तो...
Rajasthan Congress crisis: राजस्थान में कांग्रेस प्रभारी और पार्टी के महासचिव सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि उन्होंने पायलट से बात की है और उनसे अपनी ही सरकार के खिलाफ जनता के बीच जाने के बजाय पार्टी के मंच पर मुद्दों को उठाने के लिए कहा है.
Sachin Pilot turns up the heat on Gehlot over ‘corruption’ cases: राजस्थान में सचिन पायलट अब आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल दिया है. पायलट आज जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना करने जा रहे हैं. उनके इस ऐलान से कांग्रेस आलाकमान भी खफा है. कांग्रेस ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि अगर सचिन पायलट अनशन करते हैं तो इसे पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा. हालांकि, इसके बाद भी पायलट की तरफ से नरमी के कोई संकेत नहीं मिले हैं.
पायलट अपनी बात पर अडिग हैं. लेकिन उन्हें अपनी इस राजनीतिक जिद की वजह से खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है. कांग्रेस ने उनके अनशन के फैसले को पार्टी विरोधी काम बताया है. ऐसे में पार्टी उन्हें इसी आरोप में कांग्रेस से सस्पेंड भी कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो वो छह साल तक पार्टी से बाहर हो जाएंगे. लेकिन इसकी संभावना कम ही है.
क्यों ये कदम उठा रहे पायलट?
पायलट के आज के अनशन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उसकी मौजूदा सरकार के खिलाफ ऐसे किसी भी विरोध प्रदर्शन को पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा. उल्लेखनीय है कि पायलट ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत सरकार पर पूर्व की भारतीय जनता पार्टी सरकार में हुए करप्शन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था.
पायलट इसी कार्रवाई की मांग को लेकर 11 अप्रैल यानी आज जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करने जा रहे हैं. पायलट के इस कदम को साल के अंत में होने वाले राजस्थान चुनाव से पहले नेतृत्व के मुद्दे को हल करने के लिए आलाकमान पर दबाव बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
रंधावा ने की पायलट से बात
राजस्थान में कांग्रेस प्रभारी और पार्टी के महासचिव सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि उन्होंने पायलट से बात की है और उनसे अपनी ही सरकार के खिलाफ जनता के बीच जाने के बजाय पार्टी के मंच पर मुद्दों को उठाने के लिए कहा है.
रंधावा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘मैंने निजी तौर पर सचिन पायलट को फोन किया और उनसे इस तरह जनता के बीच जाने के बजाय पार्टी के मंचों पर ऐसे मामले उठाने को कहा है.’ रंधावा ने कहा कि पायलट के ऐसी किसी कार्रवाई या अनशन का कोई मतलब नहीं है और सभी मामले पार्टी के मंच पर उठाए जाने चाहिए, न कि इस तरह सार्वजनिक रूप से. उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई भी कदम पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा.’
गहलोत के मंत्री ने पायलट पर लगाया आरोप
गहलोत कैबिनेट के मंत्री रामलाल जाट ने पायलट पर पार्टी हित के विरोध में काम करने का आरोप लगाया है. वहीं, पायलट समर्थक विधायक ने कहा कि वह (पायलट) करप्शन के मुद्दे पर सड़क पर उतर रहे हैं. रामलाल जाट ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल लोगों को यह सोचना चाहिए कि पार्टी आलाकमान ने गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दीवार बनाते हैं लेकिन एक व्यक्ति अपने गलत बयानों से उसे तोड़ देता है. जाट ने कहा, 'इसका क्या मतलब है? पार्टी कार्यकर्ताओं को सोचना है कि वे ऐसे लोगों को समर्थन न दें ताकि कांग्रेस चुनाव जीते. ऐसा करने से हम आगे बढ़ पाएंगे.’
'मैं पायलट के साथ हूं'
पायलट खेमे के अनुसार, पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों और मंत्रियों को मंगलवार को पायलट के साथ अनशन पर नहीं बैठने को कहा गया है. पायलट के वफादार विधायक वेद सोलंकी ने कहा कि उनसे अनशन की जगह पर नहीं जाने को कहा गया है. उन्होंने कहा 'मैं पायलट के साथ हूं और ये वो मुद्दे हैं जो पार्टी के नेताओं ने चुनाव के दौरान उठाए थे और कहा था कि खनन घोटाले और अन्य भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जाएगी.'