Delhi High Court: संसद में जारी हंगामे के बीच राज्यसभा में आज पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया. भारी हंगामे के चलते लोकसभा पहले ही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित हो चुकी है. सरकार को शपथ लिए, मंत्रियों को विभाग संभाले और सांसदों को शपथ लिए अभी चंद दिन ही बीते थे लेकिन कांग्रेस, TMC, RJD और SP समेत कई दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताकर उसका अस्तित्व खारिज करने पर लगी है, इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए एक याचिकाकर्ता ने सीधे पीएम मोदी को लोकसभा से बर्खास्त करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीएम मोदी को बर्खास्त करने की याचिका खारिज


दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा से बर्खास्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका बुधवार को खारिज करते हुए कहा कि इसमें लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले में वो सिंगल बेंच के फैसले से सहमत है.


याचिकाकर्ता को इलाज कराने की जरूरत


आपको बताते चलें कि सिंगल बेंच पहले ही इस याचिका को खारिज कर चुकी थी. हाईकोर्ट की नई बेंच ने कहा कि इस मामले के याचिकाकर्ता को निश्चित रूप से चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है और उसने संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी, उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट को चिकित्सा स्वास्थ्य अधिनियम के प्रावधानों के मद्देनजर उस पर नजर रखने का निर्देश दिया.


कैप्टेन ने लगाया राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप


कैप्टन दीपक कुमार द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि मोदी और उनके सहयोगियों ने 2018 में एअर इंडिया की उस उड़ान की दुर्घटना का षड्यंत्र रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया, जिसके पायलट वह थे.


'मोदी, शाह और सिंधिया को करो बर्खास्त'


कुमार ने अदालत के समक्ष दलील देते हुए आरोप लगाया कि मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और उन्हें लोकसभा से बर्खास्त किया जाना चाहिए.


(इनपुट: पीटीआई भाषा)