Sadhvi Pragya Appeal on Name Plate in MP: यूपी के बाद धर्म के नाम पर राजनीति का अगला चैप्टर एमपी से दुकानों पर नेम प्लेट को लेकर पिछले महीने उत्तर प्रदेश में जमकर सियासी बवाल हुआ. कांवड़ मार्ग पर दुकानों को लेकर यूपी सरकार के फैसले का विपक्ष ने विरोध किया. अब ये विवाद उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश पहुंच गया है. यहां सरकार ने किसी तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है. बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हिंदू दुकानदारों से ऐसा करने का अनुरोध किया, जिस पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है.


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यूपी से मध्य प्रदेश पहुंचा विवाद


दुकानों के आगे नेम प्लेट का विवाद अब उत्तर प्रदेश से मध्यप्रदेश पहुंच गया है और इसकी कड़ी बनीं हैं. भोपाल से बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 
सावन के शुरुआत से ही यूपी में नेम प्लेट को लेकर जमकर सियासी बवाल हुआ. अब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के एक आह्वान ने मध्य प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा दिया है. 


'सभी हिंदू अपनी दुकानों के आगे नाम लिखें'


दरअसल साध्वी प्रज्ञा ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, 'मेरा हर हिन्दू से आह्वान है कि अपनी दुकान, अपने- अपने प्रतिष्ठान पर अपना नाम अवश्य लिखें. अब जो लिखेगा वही हिन्दू और जो नाम न लिखे वह हिन्दू नहीं. नाम लिखने से आपको कोई नहीं रोक सकता क्यों कि देश आपका ही है. फिर सब समझदार हैं.' 


बीजेपी पर विपक्ष उठाने लगा सवाल


मतलब साध्वी प्रज्ञा ने साफ ऐलान कर दिया है कि जो लोग अपनी दुकानों के आगे नेम प्लेट नहीं लगाएंगे, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर उन्हें हिंदू नहीं मानेगी. नेम प्लेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस ऐलान ने विपक्षी दल कांग्रेस को नया मुद्दा दे दिया है. विपक्ष अब बीजेपी पर सवाल उठा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगा रहा है और इस पोस्ट को नफरत भड़काने वाली सियासत का हिस्सा बताते हुए बीजेपी को घेर रहा है.


फिलहाल नहीं दिख रहा अपील का असर


वहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के इस पोस्ट से बीजेपी ने किनारा करते हुए इसे निजी सुझाव बताया है. साथ ही बीजेपी अब कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगा रही है. बहरहाल, साध्वी प्रज्ञा के इस पोस्ट पर अबतक मध्यप्रदेश के व्यापारी वर्ग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इतना ही नहीं अभी तक मध्य प्रदेश के दुकानदारों ने फिलहाल नेम प्लेट से दूरी बना रखी है. फिलहाल साध्वी प्रज्ञा के इस अनुरोध का कोई खास असर नहीं दिख रहा है.