Saints protest Congress stand on Karnataka Anti-Conversion Act: कर्नाटक में सत्ता में आने के लिए कांग्रेस की ओर से किए गए वादे अब उसके लिए ही मुसीबत बनने लगे हैं. राज्य में धर्म परिवर्तन कानून और गो हत्या निषेध से जुड़े कानून को वापस लेने के कांग्रेस के चुनाव वायदों पर अब लोगों का विरोध शुरू हो गया है. मंगलुरु शहर में साधु-संतों ने शुक्रवार को बड़ी बैठक करके सरकार को चेतावनी दी कि अगर उसने ये दोनों कानून रद्द किए तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा. संतों ने कहा कि इसके लिए अगर सड़कों पर उतरना पड़ा तो भी वे पीछे नहीं हटेंगे. 


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मंगलुरु में हुई साधु-संतों की बैठक


जानकारी के मुताबिक मंगलुरु मे शुक्रवार को कर्नाटक के प्रमुख साधु संतों और धर्म गुरुओं की बैठक हुई. कई घंटे तक चली बैठक के बाद धर्म गुरुओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जो कुछ भी कहा, उसे वर्तमान कांग्रेस सरकार के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है. धर्म गुरुओं ने साफ कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने अपनी कैबिनेट मीटिंग में तय किया है कि वो राज्य में लागू धर्म परिवर्तन कानून में दी गई नई व्यवस्था को वापस लेंगे. इसके साथ ही बैठक में गो हत्या (Karnataka Cow Slaughter Prohibition Law) से जुड़े कानूनों को भी वापस लेने की बात कही गई है. लिहाजा सभी साधु संत सरकार के इस कदम की भर्त्सना करते हैं.


सिद्धारमैया सरकार को दी चेतावनी


साधु-संतों ने कहा कि अगर इस दिशा में ऐसा कोई भी कदम उठाती है, जिससे इन कानूनों (Karnataka Cow Slaughter Prohibition Law) में कोई बदलाव होता है तो संत समाज इसका विरोध करेगा. इसके लिए प्रदेश भर के साधु संत सड़कों पर उतरेंगे और भूख हड़ताल पर बैठेंगे. सरकार की ओर से उठाया ऐसा कोई भी कदम हिन्दू भावनाओं के विरुद्ध माना जायेगा और इससे समाज में अशांति फैलेगी. 


राज्यपाल- सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन


संत समाज ने कहा कि साधु संत जल्द ही इस मुद्दे पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपेंगे. साथ ही उनसे इस मुद्दे पर कानूनों (Karnataka Cow Slaughter Prohibition Law) से कोई छेड़छाड़ न करने की अपील करेंगे. अगर सरकार इसके बावजूद अपनी हठ पर बनी रहती है तो उसके खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी. बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस की कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे समेत कई मंत्रियों ने इस तरह के बयान दिए थे कि जिन कानूनों को पिछली बीजेपी सरकार ने बनाया था, उनका दोबारा परीक्षण करवाया जाएगा. जरूरत हुई तो उन कानूनों को बदला भी जाएगा.