इस्तीफा हुआ तो हुआ...! सैम पित्रोदा को फिर कांग्रेस ने सौंपी इंडियन ओवरसीज की कमान
Sam Pitroda: सैम पित्रोदा वही शख्स हैं जो कुछ ही समय पहले सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे. अभी लोकसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने एक और विवादित बयान दे दिया था तब कांग्रेस ने उन्हें हटा दिया था.
Indian Overseas Congress: गांधी परिवार के खासमखास और अपने बयानों के लिए मशहूर सैम पित्रोदा को बुधवार को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है. सैम पित्रोदा को चुनाव से पहले अपने विवादित बयानों के चलते हटा दिया गया था. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चीफ रहे सैम पित्रोदा आए दिन विवादित बयान देते रहे हैं. उनका चुनाव से पहले लेटेस्ट बयान आपत्तिजनक रहा जिसमें उन्होंने भारतीयों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी कर दी थी. इसके बाद आखिर में उनसे इस्तीफा ले लिया गया था.
विवादित बयानों के सरताज
वैसे तो सैम पित्रोदा लंबे समय से अपने बयानों के चलते चर्चा में रहे लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने भारतीय लोगों पर विवादित बयान दिया था. चुनाव से ऐन पहले सैम पित्रोदा ने कहा कि उत्तर भारत के लोग तो गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि, पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं. दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकन जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं. इसके बाद बीजेपी हमलावर हो गई. यहां तक कि एक रैली में पीएम मोदी ने इन टिप्पणियों को ‘‘नस्ली’’ बताते हुए कहा था कि लोग त्वचा के रंग के आधार पर देशवासियों का अपमान करने के प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
कौन हैं सैम पित्रोदा..?
एक जमाने में राजीव के करीबी रहे और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. वे अमेरिका में रहते हैं. ये वही सैम पित्रोदा हैं जो अभी कुछ ही साल पहले सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे. तब उन्होंने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं.
लगातार देते रहे हैं बयान.
कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि एक बार जब राजीव गांधी ने ने लगातार पांच हजार लोगों से हाथ मिलाया तो उनकी हथेली से खून बहने लगा था. हालांकि पित्रोदा ने यह भी कहा कि वे सभी लोग गांवों के थे और उनमें से ज्यादातर खुरदरी त्वचा वाले मेहनत वाले लोग थे. उन्होंने बताया कि इसके बाद राजीव गांधी की हथेली से खून बहने लगा. उन्होंने राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा था कि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा नहीं होना चाहिए. हालांकि कांग्रेस ने राम मंदिर वाले उनके बयान से खुद को अलग कर लिया था.