Azam Khan की उम्मीदों को तगड़ा झटका, रामपुर में उपचुनाव को लेकर EC ने किया ये ऐलान
Azam Khan को झटका लगा है. दरअसल, रामपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में आजम खान को एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है.
SP Leader Azam Khan: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को झटका लगा है. दरअसल, रामपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में आजम खान को एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. अदालत के इस फैसले के बाद रामपुर में 5 दिसंबर को ही विधानसभा का उपचुनाव होगा. चुनाव आयोग ने 5 दिसंबर को ही मतदान तय किया है. नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. नामांकन कल से शुरू होगा और 18 नवंबर तक जारी रहेगा.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने 27 अक्टूबर को नफरत भाषण मामले में आजम खान को दोषी करार देते हुए उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी जिसके कारण उनके विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई. हालांकि, अदालत ने उन्हें तत्काल जमानत देते हुए दोष सिद्धी को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का वक्त भी दिया था.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को रामपुर अदालत से आजम खान की उक्त याचिका पर तत्काल सुनवाई कर उसका निपटारा करने को कहा. साथ ही उसने आजम खान की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया में तेजी को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा की भी आलोचना की. सुनवाई में मौजूद एक वकील ने बताया कि एमपी/एमएल अदालत ने गुरुवार को आजम खान और सरकारी वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
दलीलों में आजम खान के वकीलों ने 2019 के इस मामले में बतौर साक्ष्य पेश की गई कथित सीडी पर सवाल उठाये और सजा पर रोक लगाने की मांग की. वहीं, अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि आजम खान ने कभी यह नहीं कहा है कि यह उनका भाषण नहीं था, उस वक्त वह सांसद थे और भाषण देते समय उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए था. दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने फैसले के लिए शाम चार बजे के बाद का समय तय किया.
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